केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सबरीमाला में प्रवेश करने वाली 51 महिलाओं की सूची दी, गलती से कुछ पुरुष भी सूची में शामिल
नई दिल्ली: सबरीमाला में प्रवेश करने वाली महिलाओं की संख्या के दावों की प्रामाणिकता पर संदेह के बीच केरल सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 10 वर्ष से 50 वर्ष तक की आयु वर्ग की लगभग 51 महिलाओं ने वर्चुअल सिस्टम से लाइन में लगकर भगवान अयप्पा के दर्शन किए। यह रिपोर्ट क्यूआर कोड के आधार पर तैयार की गयी है। राज्य सरकार ने महिलाओं की उम्र उनके आधार कार्ड से पता लगायी है।
यह पहली बार है जब केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओं की सही संख्या बतायी है। केरल सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने बताया कि 7,500 से अधिक महिलाओं ने मंदिर में दर्शन करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया था, जिसमें से 50 से अधिक प्रवेश करने में सफल रहे।
मीडिया सूत्रों के अनुसार इस सूची में शामिल कई महिलाओं का कहना है कि दावा पूरी तरह से सही नहीं है। दरअसल, सूची में उल्लेखित एक 42 वर्षीय महिला असल में एक मर्द बतायी जा रही है जो तमिलनाडु की रहने वाली है।
सूची की वास्तविकता के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ा कि हमें नहीं पता कि 51 महिलाओं ने ही वास्तव में सबरीमाला में प्रवेश किया है या और नहीं। हमने क्यूआर कोड के आधार पर सूची तैयार की है, जिसमें हमने 51 महिलाओं का पता चला है। हमें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि उन्होंने सबरीमाला की केवल यात्रा की है या दर्शन भी किया है।
मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओ की सुरक्षा का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि 2 जनवरी को 50 साल से कम उम्र की दो महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन किए थे। इन दोनों महिलाओं का नाम बिंदु और कनकदुर्गा है। इसके बाद कनकदुर्गा पर उन्ही की सास ने कथित रूप से हमला किया था, जिसके बाद दोनों महिलाएं पुलिस प्रोटेक्शन के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। दोनों महिलाओं ने चौबीस घंटे सुरक्षा मांगी है।
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