कर्नाटक सरकार बिल्डरों से मिलने के बाद राज्य में फंसे प्रवासियों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को रद्द किया 

Team Suno Neta Wednesday 6th of May 2020 09:23 PM
(0) (0)

नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और राज्य के प्रॉपर्टी डेवलपर्स के बीच एक बैठक के तुरंत बाद मंगलवार को राज्य सरकार ने सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को बुधवार से रद्द करने का फैसला किया है, जो रेलवे ने फंसे हुए प्रवासियों को – जिनमे ज़्यादातर श्रमिक हैं – अपने गंतव्य स्तनों तक ले जाने के लिया शुरू किया था। भारतीय रेलवे को लिखे एक पत्र में बीएस येदियुरप्पा के भारतीय जनता पार्टी सरकार ने ट्रेनों को रद्द करने के लिए कहा।

कर्णाटक सरकार द्वारा रेलवे को ट्रेन रद्द करने के लिखा गया खत। 

यह फैसला एक ऐसे समय में आता है जहां फंसे हुए प्रवासी कामगार देशव्यापी करोनोवायरस लॉकडाउन (तालाबंदी) में भोजन और पैसे के बिना खुद को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अपने घर वापस जाने के लिए बेताब हैं।

मीडिया से बात करते हुए एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि हालांकि ट्रेनों को रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया, मुख्यमंत्री के साथ कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ रियल एस्टेट डेवलपर्स अस्सोसिएशन्स ऑफ़ इंडिया (क्रेडाई/CREDAI) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद एक निर्णय लिया गया कि प्रवासी श्रमिकों के चले जाने से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के राज्य के प्रयासों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा जो करोनोवायरस महामारी के कारण एकदम रुक गया है।

बुधवार को बैंगलोर दक्षिण से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी ट्वीट किया कि कर्नाटक सरकार का निर्णय एक "साहसिक और आवश्यक" कदम है जो राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ "प्रवासी श्रमिकों को बेहतर जीवन जीने में मदद करेगा"।

कर्नाटक सरकार के इस फैसले से कई लोगों ने अपना दुःख और आक्रोश व्यक्त किया और यह एक राजनैतिक रूप ले लिया। कई लोगों ने कर्णाटक सरकार पर "गुलामी" और "बंधुआ मजदूरी" करवाने का आरोप भी लगाया।

कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डी के शिवकुमार ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को "बंदी" के रूप में नहीं रखा जा सकता है और उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि ट्रेनों को चलने दें ताकि फंसे हुए कामगार अपने घरों में वापस जा सकें।

अखिल भारतीय केंद्रीय व्यापार परिषद (AICCTU) ने बुधवार को ट्रेनों को रद्द करने के राज्य के फैसले के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया।

सोशल मीडिया पर भी लोगों ने कर्नाटक सरकार पर अपना गुस्सा उतारा।

करोनावायरस महामारी के पूर्ण कवरेज के लिए यहां क्लिक करें


 
 

रिलेटेड

 
 

अपना कमेंट यहाँ डाले