‘फेडरल फ्रंट’: सरकार बनाने के लिए TRS को कांग्रेस का बाहरी समर्थन मंज़ूर, राहुल गाँधी का नेतृत्व नहीं
नई दिल्ली: तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने कहा कि उसके नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव केंद्र में क्षेत्रीय दलों के एक “संघीय मोर्चा” सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से समर्थन लेने के लिए सहमत हैं।
TRS का कहना है कि के चंद्रशेखर राव (KCR) द्वारा प्रस्तावित क्षेत्रीय दलों का संघीय मोर्चा केंद्र में सरकार बनाने के लिए तब तक कांग्रेस का समर्थन लेने को तैयार है जब तक कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को सरकार संचालन करने की अनुमति देती है। अर्थात सरकार का संचालन क्षेत्रीय पार्टी करेगी।
बता दें कि राव पिछले साल से ही गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस संघीय मोर्चे के विचार को आगे बढ़ा रहे हैं।
TRS के प्रवक्ता आबिद रसूल खान ने कहा कि उनकी पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ कार्य करने के लिए तैयार है। खान के बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं क्यों की यह लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से ठीक पहले की गयी हैं। लोकसभा चुनाव के परिणाम 23 मई को घोषित किया जायेगा।
खान ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया से कहा, "KCR इस बात पर दृढ़ हैं कि ड्राइवर सीट पर संघीय मोर्चा होना चाहिए और उसी को सरकार चलानी चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "सरकार बनाने के लिए संख्या कम होने की स्थिति में कांग्रेस से बाहर से समर्थन लेने का विकल्प तलाशा जाएगा। लेकिन सरकार संघीय मोर्चे की होगी और कांग्रेस को अपना समर्थन बाहर से देना होगा। हम इस बात पर दृढ़ हैं कि ड्राइवर सीट पर क्षेत्रीय दल होने चाहिए। प्रधानमंत्री का पद संघीय मोर्चे के घटकों में से किसी एक को जाना चाहिए। प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार (संघीय मोर्चे के) घटक दलों से एक सर्वसम्मत उम्मीदवार होगा।"
खान ने आगे कहा कि प्रस्तावित "फेडरल फ्रंट" किसी भी तरह से भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "हम भाजपा के विचारों से सहमत नही हैं। हम न तो भाजपा के साथ कुछ तालमेल करना चाहते हैं, न ही उनको समर्थन देना या उनका समर्थन लेना।" उन्होंने दावा किया कि KCR के साथ इस मुद्दे पे बात करने वाले "अधिकांश घटक दाल" भी एक ही राय के हैं कि जिनका भाजपा के साथ कोई समझौता नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि KCR चुनाव के दौरान गैर-कांग्रेस, गैर-भाजपा गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे थे। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने केरल के CPM मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन से मुलाकात की और बाद में DMK नेता एम के स्टालिन को "फेडरल फ्रंट" के विचार से ललचाने कि कोशिश की जिसमें भाजपा या कांग्रेस नहीं होगी।
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