ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल, गंभीर संकट में कमलनाथ की मध्यप्र देश सरकार
नई दिल्ली: बीते कुछ दिनों के ड्रामे के बाद आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। सिंधिया पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा की उपस्थिति में दिल्ली के पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय में एक औपचारिक प्रेरण समारोह में भाजपा में शामिल हुए।
भाजपा में शामिल होने के कुछ ही घंटों बाद सिंधिया को पार्टी द्वारा भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया। ग्वालियर के पूर्व सिंधिया शाही परिवार के वंशज और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्र सरकार में मंत्री पद मिलने की संभावना है, जो कांग्रेस को मध्य प्रदेश में ध्वस्त करने और भाजपा में शामिल होने के इनाम के रूप में देखा जा रहा है।
यह तीव्र परिवर्तन सिंधिया के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिलने और कांग्रेस पार्टी छोड़ने के दो दिनों के भीतर हुआ है।
भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद सिंधिया ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऊपर किसानों को कर्ज माफी और युवाओं को रोजगार देने के अपने "वादे में विफल" रहने के लिए निशाना साधा और उनकी सरकार की जम कर आलोचना की।
कमलनाथ सरकार खतरे में
इस बीच कमलनाथ सरकार को सिंधिया और मध्य प्रदेश विधानसभा के 22 कांग्रेस सदस्यों द्वारा विद्रोह और पार्टी से त्यागपत्र के बाद एक अस्तित्वगत संकट का सामना करना पड़ रहा है।
यदि विधानसभा का स्पीकर इन 22 विधायकों के इस्तीफा स्वीकार कर लेता है तो 228-सदस्यों वाली विधानसभा का प्रभावी ताकत को 206 तक निचे ले जाएगा। तब सरल बहुमत पाने का अंक 104 होगा। भाजपा, जिसके 107 विधायक हैं, तब कांग्रेस सरकार को हराने के बाद सरकार बनाने का दावा कर सकती है – अगर फ्लोर टेस्ट बुलाया गया तो।
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