झारखंड में भीड़ ने मुस्लिम युवक को ‘जय श्री राम’ बुलवाकर की पीट कर हत्या, अपराध की वीडियो आया सामने 

Team Suno Neta Monday 24th of June 2019 12:58 PM
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तबरेज़ अंसारी

नई दिल्ली: झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के धातकीडीह गांव में एक मुस्लिम युवक को बाइक चोरी करने के संदेह में एक पोल से बांध दिया गया और उसे घंटों तक पीटा गया। पीटा जाने वाला 22 साल के तबरेज़ अंसारी शनिवार को दम तोड़ दिया।

अंसारी की मौत के कुछ समय बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें यह देखा गया कि अंसारी को एक भीड़ ने एक पोल से बाँध कर पीट रहा हैं और वह अपनी जान के लिए भीख मांग रहा हैं। वीडियो में यह भी देखा गया हैं कि उनको मारने वाले लोग उन्हें “जय श्रीराम” और “जय हनुमान” का जाप करने के लिए विवश कर उन्हें घंटों तक पीटा। अंसारी अपनी जान बचाने के लिए “जय श्रीराम” बोल रहे थे और भीड़ उसे बेरहमी से मार रही थी। 

वीडियो – जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया हैं – पुरे देश में आक्रोश उत्पन कर दिया है। कई एक्टिविस्ट, नागरिक और राजनेता अपराध की निंदा करने के लिए सामने आए और देश भर में इस तरह की घटनाओं के बढ़ने पर अपनी चिंता व्यक्त की।

संयोग से यह घटना उसी समय के आसपास हुआ जब अमेरिकी विदेश विभाग ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंदू अतिवाद और घृणा से प्रेरित अपराध बढ़ रहे हैं।

स्थानीय सूत्रों का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, शुक्रवार को अंसारी को भीड़ द्वारा घायल अवस्था में पुलिस के हवाले करने से पहले 10 घंटे से अधिक समय तक प्रताड़ित किया गया था। शनिवार की सुबह, जैसे ही अंसारी की तबीयत खराब हुई, पुलिस उन्हें सदर अस्पताल और फिर जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल ले गई, जहां उन्हें “मृत लाया गया” घोषित किया गया।

सरायकेला खरसावा के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस के अनुसार, पुलिस अंसारी को बांधने और पीटने के स्थान पर लगभग 6 बजे सुबह पहुंची जहाँ से वे उसे पुलिस चौकी ले गए। अदालत के दस्तावेजों में कहा गया है कि अंसारी का बयान सुबह 9.30 बजे दर्ज किया गया था, जहां उसने स्वीकार किया कि उसने दो अन्य लोगों के साथ बाइक चुराई थी। उनके दो साथी भीड़ के पहुंचने पर मौके से भाग गए। उनके इकबालिया बयान के बाद उन्हें एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

अंसारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति कमल महतो ने पुलिस को बताया कि वह और उसके परिवार के कुछ सदस्य लगभग 2 बजे कुछ आवाज सुनकर उठे और तीन लोगों को अपने पड़ोसी के घर की छत पर पाया। महतो ने कहा कि जब उसने आवाज़ उठाया तो तीनों छत से कूद गए। दो बच गए, लेकिन अंसारी के पैर में चोट लगी और वह भाग नहीं पाया। अंसारी झाड़ी में छिप गया, लेकिन गॉंववालों ने उसे ढूंढ लिया।

पुलिस शिकायत में कहा गया है कि गॉंववालों को एक बिना नंबर के एक मोटरसाइकिल, एक बटुआ और एक मोबाइल फोन मिली, जिसे बाद में चोरी किया हुआ पाया गया।

शिकायत में कहा गया है कि इसके बाद पुलिस को बुलाया गया और अंसारी को उन्हें सौंप दिया गया। हालांकि, शिकायत में या प्राथमिकी में हमले का कोई उल्लेख नहीं है, जो बाद में दायर किया गया था। अंसारी की यातना का वीडियो सामने आने के बाद ही इस तथ्य का पता चला।

अंसारी के चाचा मकसूद आलम ने कहा कि उनके भतीजे का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने कहा, “मान लें कि वह चोरी के लिए पकड़ा गया था, लेकिन उसे बांधकर और घंटों उसकी पिटाई की और फिर उसे ‘जय श्री राम’ का जाप करने के लिए कहा, यह चौंकाने वाला है ... उसकी गलती यह थी कि वह मुस्लिम था, अन्यथा वह ज़िंदा होता।”

अंसारी के परिवार ने पुलिस से इस बात का जवाब देने की मांग की कि अदालत में पेश किया जाने वाला “स्वीकारोक्ति बयान” में अंसारी के साथ मार पीट होने का उल्लेख क्यों नहीं किया गया।

सरायकेला खरसावां के डिप्टी कमिश्नर छवि रंजन ने कहा कि उन्होंने अंसारी की मौत की जांच का आदेश दिया है। पत्रकारों से बात करते हुए रंजन ने कहा, “वहां पहुंचने पर, हमारे अधिकारी ने कहा कि वह सांस ले रहा था और दूसरे अस्पताल ले जाया जा रहा था ... हमने एक जांच का आदेश दिया है और पुलिस या डॉक्टरों के लापरवाही कोई हो, तो यह पता लगाएगा।”

इसके बाद रंजन ने कहा, “सभी अपराधियों के ऊपर केस किया जाएगा, न्याय किया जाएगा।”

नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों से धर्मों या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया है। । उन्होंने ग्रामीणों के खिलाफ आईपीसी की धाराएं भी हटा दी हैं।

पुलिस ने कहा कि मामले के सिलसिले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए एसपी कार्तिक एस ने कहा, “खरसावां पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी और एक सहायक उप-निरीक्षक को मामले की गंभीरता को समझने के लिए निलंबित कर दिया गया है। हमने उसी के संबंध में पांच ग्रामीणों को भी गिरफ्तार किया है।”

तबरेज़ अंसारी के भीड़ द्वारा अत्याचार का वीडियो। दर्शकों से अनुरोध हैं कि इस वीडियो देखने से पहले अपना विवेक इस्तेमाल करें:


 
 

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