बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले पर गुजरात में प्रवासी श्रमिकों पर हिंसा, राज्य छोड़ने का फ़र्मान 

Team Suno Neta Monday 8th of October 2018 10:01 AM
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नई दिल्ली: गुजरात में एक बच्ची के साथ 28 सितम्बर में दुष्कर्म करने के मामले में बिहार के एक निवासी रविंद्र साहू को गिरफ्तार किया गया हैं। इसके बाद राज्य के गैर-गुजरातियों को निशाना बनाया गया और सोशल मीडिया पर घृणा संदेशो के माध्यम से खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों को राज्य छोड़ने का फ़र्मान जारी किया गया।

सोशल मीडिया के एक अफ़वाह के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर हमलें हो रहे हैं और इस कारण अन्य राज्यों के लोग भी भयभीत होकर गुजरात से पलायन कर रहे हैं।

पिछले हफ्ते साबरकंठा जिले में 14 महीने की लड़की के साथ बलात्कार के आरोप में बिहार के रहने वाले साहू की गिरफ्तारी के बाद गांधीनगर, अहमदाबाद, पाटन, साबरकंठा और मेहसाणा के जिलों में विरोध प्रदर्शन हुआ।

गुजरात पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि राज्य भर में हिंसक विरोधों के कारण प्रवासियों को सुरक्षित करने के लिए पांच जिलों में कम से कम 180 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बुधवार से विरोध जारी हुआ, कई प्रवासी श्रमिकों ने डर से राज्य छोड़ दिया है।

पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने कहा कि राज्य रिजर्व पुलिस (SRP) की 17 कंपनियां संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई है।उन्होंने आगे कहा कि अफ़वाह फ़ैलाने वालों की पहचान कर ली गयी है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा।

झा ने आगे कहा कि ठाकोर सेना नामक सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता साबरकांठा, मेहसाणा, गांधीनगर, अहमदाबाद सहित कई इलाकों में बसे उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को निशाना बना रहे हैं।अब तक 42 मामले दर्ज किए गए हैं और 342 आरोपितों को पकड़ा गया है। सोशल मीडिया पर अफ़वाह फ़ैलाने के दो मामले दर्ज किए हैं और राज्य की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वाले लोगों पर नज़र रखी जा रही है। मुख्य रूप से मेहसाणा और साबरकांठा के लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए है।

निशाना बनाये गए लोगों में ज्यादातर श्रमिक हैं और उनके साथ ठाकोर सेना ने मारपीट की है।

ठाकोर सेना के प्रमुख अल्पेश ठाकोर ने कहा कि यह सरकार और पुलिस की ठाकोर सेना को बदनाम करने और तोड़ने की साज़िश है। उन्होंने आगे कहा: “जो इन घटनाओं के पीछे हैं मैं उन सभी से शांति के लिए अपील करता हूं। वह हमारे समुदाय और सेना के सदस्य हो सकते हैं लेकिन हमारे पक्ष (ठाकोर सेना) से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया था। यह केवल हमें और सेना को बदनाम करने के लिए है। हम केवल राज्य में शांति और रोज़गार का लक्ष्य रख रहे हैं।”


 

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