नरेंद्र मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में कहा अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतना अब हैं लक्ष्य  

Amit Raj  Saturday 25th of May 2019 08:13 PM
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नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: देश में प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज करने के बाद शनिवार को संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक हुई जसमें सर्व सम्मति के साथ पुनः एक बार नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। सांसदो को संबोधित करते हुए अपने 75 मिनट के भाषण में मोदी ने सांसदों को अपनी वाणी पर संयम के साथ जनता के विश्वाश पर खड़े उतरने की सलाह दी।

मोदी ने कहा कि लोगों ने उन पर विश्वास किया है और यही कारण है कि वे फिर सत्ता में आए हैं। उन्होंने कहा: “जब विश्वास होता है तभी प्रो-इंकंबेंसी वेव आती है। यह विश्वास की डोर से ही बंधी हुई है। लोगों ने इसलिए वोट किया क्योंकि वे हमारी सरकार को लाना चाहते थे। इसी सकारात्मक सोच ने इतना बड़ा जनादेश दिया है।”

नरेंद्र मोदी ने जब भाषण देना शुरू किया तो उन्होंने कई ऐसी बातें कहीं जो अगले 5 साल की सरकार का खाका कुछ-कुछ साफ कर दिया।

अल्पसंख्यकों को लेकर मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि उसे भ्रमित और डराकर रखा गया है। बेहतर होता कि अगर अल्पसंख्यकों की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती। 2019 में उन्होंने इस छल को भी भेदने की बात कही। अब तक मोदी सबका साथ, सबका विकास की बात करते आए हैं। संसद भवन में इस बार उन्होंने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा देते हुए स्पष्ट कर दिया कि विकास के साथ मोदी तुष्टीकरण की नीति को जड़ से उखाड़ फेंकने को प्रतिबद्ध है।

मोदी ने कहा, “2014 में मैंने कहा था, मेरी सरकार इस देश के दलित, पीड़ित, शोषित, आदिवासी को समर्पित है। मैं आज फिर से कहना चाहता हूं कि पांच साल उस मूलभूत बात से अपने आपको ओझल नहीं होने दिया। 2014 से 2019 हमने प्रमुख रूप से गरीबों के लिए चलाई है और आज मैं ये गर्व से कह सकता हूं कि ये सरकार गरीबों ने बनाई। गरीबों के साथ जो छल चल रहा था, उस छल में हमने छेद किया है और सीधे गरीब के पास पहुंचे हैं। देश पर इस गरीबी का जो टैग लगा है, उससे देश को मुक्त करना है। गरीबों के हक के लिए हमें जीना-जूझना है, अपना जीवन खपाना है।गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश की माइनॉरिटी के साथ हुआ है। अच्छा होता कि माइनॉरिटी की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती। 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेद करना है. हमें विश्वास जीतना है। संविधान को साक्षी मानकर हम संकल्प लें कि देश के सभी वर्गों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।पंथ-जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि सांसदों को जरूरत पड़ने पर अन्य नागरिकों की तरह कतारों में भी खड़ा होना चाहिए। मंत्रिपरिषद के नामों को लेकर उन्होंने कहा कि सांसदों की योग्यता और कुशलता के आधार पर कार्यभार सौंपा जाएगा। मोदी ने एनडीए नेताओं को मीडिया से बातचीत करने में संयम बरतने की भी सलाह दी और कहा कि सार्वजनिक रूप से दिये गये कुछ बयान अकसर हमें परेशान करते हैं।

बता दें कि भाजपा नीत एनडीए ने लोकसभा चुनाव में 350 के लक्ष्य को भेदते हुए अकेले भाजपा ने 300 सीटों का आंकड़ा पार किया है।

देखिए नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण:


 
 

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