मि-17 हेलीकॉप्‍टर पर ‘फ्रेंडली फायर’ मामले में वायु सेना ने सीनियर ऑफिसर को हटाया 

Amit Raj  Tuesday 21st of May 2019 02:36 PM
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बडगाम में ध्वस्त मि-17 हेलीकॉप्टर।

नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना (IAF) ने जम्‍मू-कश्‍मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित एयरबेस के एयर ऑफिसर कमांडिंग (AOC) को उनके पद से हटा दिया है। यह फैसला 27 फरवरी को बडगाम में हुए हेलीकॉप्‍टर मि-17 (Mi-17) क्रैश की घटना के मद्देनजर लिया गया है जिसमें वायु सेना ने अपने छह सैनिकों को खो दिया था जिसमें दो ऑफिसर्स भी थे। इसके अलावा ज़मीन पर एक सिविलियन की भी मृत्यु हो गयी थी।

हेलीकॉप्‍टर फ्रेंडली फायर के तहत अपनी ही मिसाइल का निशाना बन गया था। साथ ही मामले की कोर्ट ऑफ इन्‍क्‍वॉयरी (COI) भी अभी जारी है। फाइनल रिपोर्ट अभी तक वायु सेना को नहीं मिली है।

बता दें कि श्रीनगर के पास बडगाम में 27 फरवरी को Mi-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था इस हादसे में हेलीकाप्टर पर सवार सभी 6 वायु सेना कर्मियों और जमीन पर मौजूद एक आम नागरिक की मौत हो गयी थी। हेलीकॉप्टर को वायु सेना की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल ने दुश्मन का समझकर गिरा दिया था। यह हेलीकॉप्टर सुबह 10.05 बजे क्रैश हुआ था, ठीक उसी वक्त जब भारत और पाकिस्तान के लड़ाकू विमान जम्मू-कश्मीर के नौशेरा के ऊपर उलझे हुए थे। हवा में इसी भिड़ंत के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन का जेट करीब 10.30 बजे गिरा था। हेलीकॉप्टर हादसा किन गलतियों व चूक के कारण हुआ, इसकी जांच जारी है। पाकिस्तान और भारत के जेट विमानों के बीच हवाई भिड़ंत के दौरान एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने हेलीकॉप्टर को वापस आने का निर्देश दिया था। इसे एक चूक माना जा रहा है, क्योंकि हेलीकॉप्टर को वापस श्रीनगर बुलाने के बजाय, उसे किसी सुरक्षित स्थान की तरफ भेजा जाना चाहिये था।

जैसे-जैसे जांच पूरी हो रही है, आईएएफ इस बात पर विचार कर रहा है कि कमी पाए जाने पर उनके खिलाफ आपराधिक आरोप लगाए जाएं या नहीं। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “जिसने भी उस दौरान ढील दी है, जिसने भी गलती की है उनपर कार्यवाई की जाएगी। इसपर कोई भी नरमी नहीं बरती जाएगी। कोर्ट ऑफ़ इन्क्वारी में जो भी दोषी पाए जायेंगे उनपर सख्त से सख्त कार्यवाई होगी ताकि भविष्य में इस तरह की गलती दोहराई न जाए।”

इस दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर कई कमियाँ पायी गयी हैं, पाकिस्तान और भारत के जेट विमानों के बीच हवाई भिड़ंत के दौरान एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने हेलीकॉप्टर को वापस आने का निर्देश दिया था। इसे एक चूक माना जा रहा है, क्योंकि हेलीकॉप्टर को वापस श्रीनगर बुलाने के बजाय, उसे किसी सुरक्षित स्थान की तरफ भेजा जाना चाहिये था। रक्षा मंत्रालय के एक दूसरे वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “आदर्श रूप से, हेलीकॉप्टर को वापस बेस पर भेजने के बजाय सुरक्षित क्षेत्र में भेज दिया जाना चाहिए था।” अन्य चूक यह थी कि Mi-17 हेलीकॉप्टर का बेहद अहम “क्रूशियल आइडेंटिफिकेशन सिस्टम” (फ्रेंड या आईएफएफ) बंद था। यह सिस्टम ऑन होने पर हेलीकॉप्टर व विमान अपनी पहचान (फ्रेंडली और नन फ्रेंडली) का सिग्नल भेजता है। वायु सेना का निर्देश था कि आईएफएफ सिस्टम ऑन रहना चाहिये, जबकि श्रीनगर एयरबेस ने इसके विपरीत आदेश दिये थे।

इस मामले में, मित्र या दुश्मन की पहचान (IFF) – एक ट्रांसपोंडर-आधारित पहचान – प्रणाली है जो वायुरक्षा रडार को सूचित करती है कि क्या आने वाला विमान अनुकूल है। निर्धारित प्रोटोकॉल के खिलाफ यह बंद किया गया था।

बताया जा रहा है कि इस मामले में अब जल्द ही समरी ऑफ एविडेंस तैयार की जाएगी। इसमें एक से ज्यादा अधिकारियों को गैर-इरादतन हत्या का आरोपी बनाया जा सकता है। अगर अधिकारियों को दोषी पाया गया तो उन्हें उनकी सेवाओं से बर्खास्त कर जेल भेजा जा सकता है। यह घटना एयर ऑफिसर कमांडिंग (AOC) की उपस्थिति में होने के कारण उनको बर्खास्त किया गया है।


 
 

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