1971 के बाद से पहली बार सीमा पार हवाई हमलों में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी शिविरों को किया नष्ट  

Team Suno Neta Tuesday 26th of February 2019 12:04 PM
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नई दिल्‍ली: 14 फरवरी को पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार और सेना ने इस हमले का बदला 12 दिन बाद 26 फरवरी को इंडियन एयरफोर्स (IAF) के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट LOC पार करके बालाकोट में दाखिल हुए और उन्‍होंने जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकी कैंप्‍स पर बमबारी की। करीब 1000 किलोग्राम बम गिराए गए जिसमे 300 से ज्‍यादा आतंकी मारे गए।

इंडियन एयरफोर्स सन् 1971 की जंग के बाद LOC  पार की। IAF जेट्स करीब 48 वर्ष बाद पाकिस्‍तान के एयरस्‍पेस में दाखिल हुए थे। कारगिल की जंग के समय मिराज, पाक अधिकृत कश्मीर (POK) तक गया था।

सूत्रों के अनुसार यह भी संकेत मिला कि ऑपरेशन 3.50am और 4.05am के बीच किया गया था और पहली बार एक ट्वीट में पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर द्वारा इसका खुलासा किया गया था। उन्होंने कहा: “भारतीय विमान मुजफ्फराबाद सेक्टर से घुसपैठ किया। पाकिस्तान वायु सेना ने समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया देते हुए जल्दबाजी में पेलोड जारी किया जो बचते हुए बालाकोट के पास गिर गया। कोई हताहत या क्षति नहीं हुई।”

विदेश सचिव विजय गोखले ने मीडिया को इस पूरे ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। उन्‍होंने बताया, “यह ऑपरेशन पूरी तरह से विश्‍वसनीय इंटेलीजेंस के बाद चलाया गया था। इंटेलीजेंस में जैश की ओर से देश भर में आतंकी हमलों की साजिश रची जा रही थी।” बालाकोट टाउन खैबर-पख्‍तूनख्‍वा में आता है जो कि पाक का एक अहम प्रांत है। यह हिस्‍सा पाक का हिस्‍सा है और इस वजह से IAF का ऑपरेशन काफी बड़ा हो जाता है।

पाकिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक के बाद विदेश सचिव विजय गोखले मीडिया को सम्बोधित करते हुए:

पुलवामा हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ यह कार्रवाई की है। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार तड़के 3.30 बजे मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा (LOC) के पार पाक के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में घुसकर आतंकी गुटों पर कार्रवाई की। 12 मिराज विमानों ने 1000 किलो बम बरसाए। इसमें कई आतंकी कैंप तबाह हुए हैं। वायुसेना के सूत्रों ने इस हमले का दावा किया है। 14 फरवरी को हुए पुलवामा फिदायीन हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी।


 
 

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