150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों ने ‘राष्ट्रपति को लिखा पत्र’, मोदी सरकार पर लगाया सेना के राजनीतिकरण का आरोप
नई दिल्ली 3 सेनाओं के 8 पूर्व प्रमुखों सहित 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सेना के राजनीतिकरण के ख़िलाफ़ चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में ये शिकायत की गई है कि सत्ताधारी दल सर्जिकल स्ट्राइक जैसे सेना के ऑपरेशन का श्रेय ले रही है। साथ ही सेना को मोदी जी की सेना के तौर पर बताया जा रहा है। 11 अप्रैल को सार्वजनिक हुई इस चिट्ठी में राष्ट्रपति से राजनीतिक दलों के सेना के राजनीतिक इस्तेमाल रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की गई है।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के लातूर की रैली में पीएम मोदी ने पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से कहा कि वे अपने मत उन बहादुर लोगों को समर्पित करें, जिन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले को अंजाम दिया। पीएम के इस बयान पर बवाल मच गया है।
साथ ही खबर का खंडन भी आ गया है। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति कार्यालय को अभी तक ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। हालांकि कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन (बृहस्पतिवार) ही पत्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजा गया था। राष्ट्रपति भवन के एक सूत्र ने कहा, “हमें अभी तक ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है।” दूसरी तरफ, पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ एनसी सूरी ने कहा कि उन्होंने कोई चिट्ठी नहीं लिखी है और न ही उनसे कोई सहमति ली गई है। उनके मुताबिक सेना किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ी है और न ही सरकार के निर्देश पर काम करती है।
इस मामले में सेना के पूर्व अफसरों के अलग-अलग बयान सामने आए हैं। पूर्व आर्मी चीफ एसएफ रॉड्रिग्स और एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने ऐसे किसी पत्र के लिए अपनी सहमति से इनकार किया है। दूसरी ओर मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ और पूर्व आर्मी चीफ शंकर रॉय चौधरी ने पत्र लिखे जाने की बात स्वीकारी है। पूर्व आर्मी चीफ एसएफ रॉड्रिग्स ने कहा कि ऐसे किसी लेटर के बारे में जानकारी नहीं है।
पूर्व सैन्य अधिकारीयों द्वारा लिखा गया पत्र:
Former defence officials ‘write to president’ against politicization of military
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