देवगौड़ा परिवार पर ‘झूठी खबर’ को लेकर अखबार के संपादक सहित संपादकीय टीम पर केस दर्ज 

Amit Raj  Tuesday 28th of May 2019 02:09 PM
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HD Deve Gowda.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद जनता दाल (सेक्युलर) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के परिवार में सबकुछ ठीक नहीं होने के बारे में “असत्यापित” खबर प्रकाशित करने पर एक कन्नड़ अखबार के संपादक और उसके संपादकीय विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।

पार्टी के प्रदेश सचिव एसपी प्रदीप कुमार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक अखबार “विश्ववाणी” ने शनिवार को एक “झूठी खबर” प्रकाशित की थी, जिससे ऐसी छवि बनी कि देवेगौड़ा के पोतों के बीच में हंगामे और भ्रम की स्थिति है।

कुमार ने कहा कि अखबार में झूठी खबर छापी गयी थी कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी कथित तौर पर अपने दादा पर चिल्लाए थे और मांड्या में एक महिला के हाथों मिली हार के लिये उन्हें जिम्मेदार ठहराया था।

पुलिस ने सोमवार को बताया कि रविवार को संपादक विश्वेश्वर भट् और संपादकीय कर्मचारियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 406, 420 और 499 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एफआईआर में कहा गया है कि विश्ववाणी ने अपने 25 मई के संस्करण में एक अपमानजनक लेख प्रकाशित किया जिसकी हेडलाइन “टर्मालय ऑफ द गौड़ा ग्रैंड किड्स” थी। लेख में आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी कथित तौर पर अपने दादा को गाली दी थी और मांड्या में एक महिला के हाथों मिली हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया।

एफआईआर में कहा गया, ऐसी किसी घटना के न होने के बावजूद अखबार ने निखिल कुमारस्वामी के राजनीतिक जीवन को खराब करने के उद्देश्य से मनमाने तरीके से इसे रिपोर्ट किया।

अखबार ने “निखिल कुमार्स नाइट टाइम रेज” की सब-हेडलाइन से सूत्रों के आधार पर एक अन्य लेख लिखा था जिसमें बताया गया था कि 23 मई की रात चुनाव परिणामों के बाद मैसूर के रेडिसन ब्लू होटल में निखिल अपना गुस्सा निकाल रहे थे।

वहीं “एंगर अगेंस्ट देवगौड़ा” कैप्शन से लिखे गए एक अन्य हिस्से में लेख में कहा गया कि निखिल कुमारस्वामी अपने दादा पर भी चीख पड़े थे। खबर में आरोप लगाया था कि निखिल ने अपने दादा पर इस बात के लिए गुस्सा जाहिर किया कि उन्होंने मांड्या में उन्हें समर्थन देने के लिए कांग्रेस नेताओं को समझाने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया, जैसे कि उन्होंने दूसरे पोते प्रजवल रेवन्ना के लिए किया था। रेवन्ना गौड़ा खानदान के गढ़ हसन से लड़े थे जिसे गौड़ा ने छोड़ा था और उन्होंने वहां से जीत हासिल की।

एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए संपादक विश्वेश्वर भट् ने कहा, “खबर सूत्रों पर आधारित थी और अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वे स्पष्टीकरण जारी कर सकते थे, अखबार उसे भी छापता जैसा कि उसने पहले भी किया है।”

उन्होंने कहा, “मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि हम किस राज्य में रह रहे हैं। मैं 19 सालों से संपादक हूं और ऐसी घटना कभी नहीं हुई। बहुत ज़्यादा था तो मानहानि का मामला दायर किया जा सकता था लेकिन एफआईआर दर्ज कराना एक नई पंरपरा शुरू करने जैसा है। मैं निश्चित रूप से अदालत में इसे चुनौती दूंगा।”

भाजपा ने भी भट् और उनकी संपादकीय टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर सरकार की आलोचना की। भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अरविंद लिंबावली ने भी एफआईआर दर्ज किये जाने की निंदा की। उन्होंने ट्वीट किया, सोशल मीडिया के कार्यकर्ताओं पर हमला करने के बाद अब कुमारस्वामी की तानाशाही पत्रकार को निशाना बना रही है। मशहूर पत्रकार विश्वेश्वर भट् पर प्राथमिकी दर्ज की गई।

बता दें कि निखिल भारतीय जनता पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुमालता अंबरीश से एक लाख से ज्यादा मतों से हार गए थे।


 
 

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