दुती चंद ने अपनी बहन सरस्वती पर ‘ब्लैकमेल’ करने का आरोप लगाया, बहन ने कहा दुती की समलैंगिकता ‘कोई समस्या नहीं’  

Amit Raj  Wednesday 22nd of May 2019 10:39 AM
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दुती चंद

नई दिल्ली: युवा रिश्तेदार के साथ समलैंगिक रिश्ते का खुलासा करने वाली भारत की सबसे तेज धाविका दुती चंद ने अपनी बड़ी बहन सरस्वती पर ब्‍लैकमेल करने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि उनकी बहन ने उससे 25 लाख रुपये की मांग की है। वहीँ  सरस्वती ने कहा है कि वह दुती के समलैंगिकता को सैद्धांतिक रूप से विरोध नहीं करती है, लेकिन वह नहीं चाहती थी कि उसकी छोटी बहन को गुमराह किया जाए या उसका शोषण किया जाए जो एक एथलीट के रूप में उसकी प्रसिद्धि और सफलता में बाधक बन रही है।

दुती ने मंगलवार को कहा, “मेरी बहन मुझे कुछ समय से ब्लैकमेल कर रही है। वह हमारे परिवार में समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रही है। वह लोगों को बता रही है कि मैंने अपने माता-पिता से बात करना बंद कर दिया है और उन्हें अनदेखा कर रही हूं। उसने मुझे ब्लैकमेल किया और लाखों रुपये मांगे।”

हालांकि 100 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक 23 वर्षीय धावक ने अपनी बहन के बारे में यह भी कहा कि “मुझे नहीं पता कि मेरी बहन और मैं अब मुद्दों को सुलझा सकते हैं या नहीं। अगर वह मुझसे बात करना चाहती है, तो उसे फोन करना चाहिए। क्योंकि उसी ने इसे एक बड़ा मुद्दा बनाया।”

सरस्वती, जो दुती से 10 साल उम्र में बड़ी हैं,  ने कहा, “मैं दुती के समलैंगिकता का विरोध नहीं कर रही हूँ ।वह बालिग है। ... यह उसका फैसला है कि वह लड़के से शादी करे या लड़की से। लेकिन दुती को यह सब कहने के लिए दबाव डाला गया। अन्यथा शादी के बारे में बाद में चर्चा की जा सकती थी। जब कोई बच्चा आगे बढ़ता है तो परिजन खुश होते हैं। उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है और लोग माता-पिता को भी बधाई देते हैं। इसके विपरीत, यदि कोई बच्चा गलत काम करता है तब सिर्फ परिवार ही जिम्मेदारी लेता है। सरस्वती ने मंगलवार को कहा कि उन्हें अपना ध्यान नहीं खोना चाहिए क्योंकि अभी उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करना है।”

उन्होंने आगे कहा कि वह ब्लैकमेलर होने के आरोपों का जवाब नहीं देना चाहती। उन्होंने कहा की दुती जो भी मुझे कहना चाहती है कह सकती है मैं उसपर प्रतिक्रिया नहीं दूंगी, लेकिन उसे अभी अपने मन की सुननी चाहिए उसे पूरा समय अपने खेल प्रशिक्षण में लगाना चाहिए।

हालांकि वे सरस्वती ही थीं जिन्होंने एथलेटिक्स में प्रवेश करने के लिए उन्हें  प्रेरित किया। सरस्वती ने कहा, “जब वह 7 साल की थी, तब मैं उसे कटक के पुलिस ट्रेनिंग ग्राउंड ले जाति थी । मैं खुद एक एथलीट हूं इसलिए मैं उत्सुक थी  कि दुती  भी किसी तरह का खेल खेले। सरस्वती ने कहा कि मैं उसे जिला के साथ-साथ राज्य की बैठक में भी  ले जाती थी।”

रविवार को, दुती ने पत्रकारों से अपने समलैंगिक होने के बारे में बात की थी। इस तथ्य को स्वीकार करने वाली वो पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई। दुती ने कहा कि उन्हें अपने रिश्ते के बारे में बात करने की हिम्मत मिली जब सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सितंबर में भारतीय दंड संहिता के अनुच्छेद 377 को रद्द कर दिया।

“वह मेरे लिए जीवन साथी की तरह हैं और भविष्य में हैं उसके साथ घर बसाना चाहती हूं। मेरा मानना है कि हर किसी को यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वे जो भी तय करें, वे उसी के साथ रहें। मैंने हमेशा उन लोगों के अधिकारों का समर्थन किया है जो समलैंगिक संबंध में रहना चाहते हैं। यह एक व्यक्ति की पसंद है। वर्तमान में मेरा ध्यान विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक खेलों पर है लेकिन भविष्य में मैं उसके साथ घर बसाना चाहूंगी।”

दुती भारत की सबसे तेज धावक हैं। 100 मीटर दौड़ में उनके नाम नेशनल रिकॉर्ड है। दुती चंद का जन्म ओडिशा के चाकागोपालपुर में हुआ था और उन्होंने महज 4 साल की उम्र में रनिंग शुरू कर दी थी। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ़ एथेलेटिक्स फेडरेशन्स (IAAF) ने 2014 में अपनी हाइपरएंड्रोगेनिजम नीति के तहत दुती को निलंबित कर दिया था जिस वजह से उन्हें उस साल के कॉमनवेल्थ गेम्स के भारतीय दल से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद दुती ने IAAF के फैसले के खिलाफ खेल पंचाट में अपील दायर की और इस मामले में जीत दर्ज़ करते हुए वापसी की।


 
 

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