सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया रक्षा मंत्रालय से राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेज ‘चोरी हुए’ है 

Team Suno Neta Wednesday 6th of March 2019 03:29 PM
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फ्रांसीसी वायुसेना का राफेल लड़ाकू विमान।

नई दिल्ली: केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़े कुछ दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से “चुराए गए” हैं और राफेल सौदे पर अपनी खोजी कहानियों को लेकर हिंदू अखबार को उन पर आधारित लेख प्रकाशित करने के लिए आधिकारिक राज अधिनियम के तहत चेतावनी दी है। सुप्रीम कोर्ट 14 दिसंबर को खारिज की गई कई दलीलों की समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

सबसे प्रमुख याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी द्वारा संयुक्त रूप से दायर जनहित याचिका थी।

सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने भी हिंदू अखबार पर निशाना साधा और कहा कि चोरी की जांच जारी है, क्योंकि यह उसी दिन था जब अखबार ने लड़ाकू जेट सौदे पर एक और लेख प्रकाशित किया था।

वेणुगोपाल ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीश पीठ के समक्ष सरकार का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। पीठ में जस्टिस एस के कौल और के एम जोसेफ शामिल थे। इसी पीठ ने 14 दिसंबर के अपने फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दायर करने वाले एक बैच की भी समीक्षा की, जो भारत द्वारा खरीदे गए सौदे के खिलाफ सभी दलीलों को खारिज करता है।

14 दिसंबर का फैसला पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण द्वारा दायर एक संयुक्त याचिका के खिलाफ था, जिसमें दावा किया गया कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के विवरण में महत्वपूर्ण तथ्यों को दबा दिया जब कोर्ट ने राफेल सौदे के खिलाफ जनहित याचिका के बैच को खारिज करने का फैसला किया था।

हालांकि अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। पीठ ने यह जानने की कोशिश की कि सरकार ने क्या किया है जब उसने आरोप लगाया कि अखबार के लेख चोरी की सामग्री पर आधारित थे।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई 14 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है।


 
 

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