कोरोनावायरस महामारी: भारत में लॉकडाउन का बढ़ाया जाना तय, नरेंद्र मोदी ने ज़िक्र किया ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ 

Team Suno Neta Wednesday 8th of April 2020 09:08 PM
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नई दिल्ली: कोरोनोवायरस महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रव्यापी तालाबंदी (लॉकडाउन) को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाना लगभग तय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि प्रतिबंध एक बार में नहीं हटाए जाएंगे। पिछले कुछ दिनों से लॉकडाउन का विस्तार अपरिहार्य लग रहा था क्योंकि इस समय देश में COVID-19 संक्रमण तेज़ी से बढ़ रहा है।

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मोदी के वीडियोकांफ्रेंस के लीक हुए ऑडियो में प्रधानमंत्री को यह कहते सुना गया: “मैं मुख्यमंत्रियों से बात कर रहा हूँ और उनसे और जिलाधिकारियों से सलाह ली जा रही है। वे इस बात पर एकमत हैं कि लॉकडाउन को पूरी तरह से एक बार में हटाना उचित नहीं है। मैं फिर से मुख्यमंत्रियों से बात करूंगा। लेकिन अब तक की भावना स्पष्ट है कि लॉकडाउन को हटाना संभव नहीं है। हमें सोशल डिस्टन्सिंग (सामाजिक भेद ) को लागू करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।”

“राष्ट्रीय आपातकाल” के साथ COVID-19 संकट का समीकरण करते हुए मोदी ने कहा, “हम एक ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं जो राष्ट्रीय आपातकाल की तरह है और जिसने हमें समय-समय पर अभूतपूर्व कदम लेने के लिए मजबूर किया है। इस तरह के उपायों के प्रति आपकी प्रतिक्रिया राष्ट्रीय हित की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक रही है। हमें और कड़े कदम उठाने होंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता देशवासियों के जीवन को बचाना हैं न कि अर्थव्यवस्था की रक्षा करनी है, जो तालाबंदी के कारण संकटग्रस्त है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और वैश्विक अनुभव लॉकडाउन को हटाने का पक्ष नहीं लेती हैं। उन्होंने विपक्ष सहित विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा लॉकडाउन हटाने के खिलाफ सुझावों को रेखांकित करने का भी प्रयास किया। उन्होंने कहा, “जैसा कि आप सभी ने सुझाव दिया है, लॉकडाउन को हटाना उचित नहीं है। प्रतिबंध हटाने को चरणों में किया जाना है और इसका एक ही तरीका नहीं हो सकती है।”

ऑडियो क्लिप के लीक को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने गहरी आपत्ति जताई जिसमें मोदी को बातचीत के दौरान “राष्ट्रीय आपातकाल” का उपयोग करते हुए सुना गया था। परन्तु PMO ने लीक क्लिप की सत्यता पर विवाद नहीं किया।

पीएमओ  ने एक बयान में कहा, “पिछले कुछ हफ्तों से, पीएम कोरोनोवायरस प्रकोप के खिलाफ सही मायने में राष्ट्रीय और एकीकृत मोर्चा बनाने के लिए नेताओं और जाने-माने व्यक्तियों से परामर्श कर रहे हैं। इस तरह के परामर्श की सामग्री को चुनिंदा रूप से लीक करना, जैसा कि आज देखा गया है, उनकी भावना और उद्देश्यों के विपरीत चलाता है और परिहार्य है।”

यह पहली बार नहीं था जब प्रधानमंत्री ने नेताओं और/या राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से परामर्श किया हो। पिछले हफ्ते मोदी ने विपक्षी नेताओं से बात की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल थीं। इन बातचीतों के दौरान प्रधानमंत्री ने उनके सुझाव मांगे थे। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एच डी देवगौड़ा के साथ भी बात की।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, लॉकडाउन पर अगला फैसला लेने से पहले मोदी शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ दूसरी बैठक करेंगे।


 
 

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