नहीं है राहुल गांधी की 'जान को खतरा', कांग्रेस ने कहा, ‘हमने कोई पत्र नहीं लिखा’ 

Shruti Dixit  Thursday 11th of April 2019 06:20 PM
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क्या राहुल की सुरक्षा में चूक वाली खबर फेक निकली? 

नई दिल्ली अमेठी से राहुल गांधी ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया था और इससे जुड़ा सनसनीखेज खबर मीडिया में तैरने लगा। दरअसल, राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक का मामला उठा गया और खबर आई कि इस सबंध में पार्टी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र भी लिखा है। कहा गया है कि जब राहुल अमेठी में थे तो उन पर कई बार स्निपर गन की लेज़र लाइट पड़ी। संभवत: लोगों को लगा कि राहुल गांधी पर हमले की कोशिश हुई। शुरुआती रिपोर्ट्स में बताया गया कि पत्र में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के हस्ताक्षर हैं और इन नेताओं ने मामले की जांच करने को कहा है। साथ ही इस पत्र के माध्‍यम से कांग्रेस ने राहुल गांधी की सुरक्षा विवरण से संबंधित प्रोटोकॉल को सख्ती से पालन कराए जाने की मांग की है। लेकिन बाद में इसे खुद कांग्रेस ने नकार दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस ने पत्र में कहा है कि नामांकन दाखिल करने के बाद जिस समय राहुल गांधी पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे, उस समय राहुल गांधी के सिर के हिस्से पर हरे रंग की लेजर से टार्गेट किया गया था। वहीं, कांग्रेस के पत्र को लेकर गृहमंत्रालय ने जवाब दिया है कि हमें राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक को लेकर कोई पत्र नहीं मिला है। रिपोर्ट के माध्यम से जब हमें यह जानकारी प्राप्त हुई तो हमने एसपीजी डायरेक्टर से जानकारी मांगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि एसपीजी डायरेक्टर ने बताया है कि हरी लाइट एआईसीसी फोटॉग्राफर द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल की वजह से आई थी। साथ ही इस मामले में नया मोड़ तब आ गया, जब कांग्रेस ने खुद बयान दिया कि उसने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा है। ना ही कोई शिकायत की है।

मीडिया रिपोर्टों की मानें तो इस पत्र को कथित रूप से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा था। वहीं, यह मामला तूल पकड़ता देख कांग्रेस सामने आई और उसने आधिकारिक रूप से अपना रुख स्पष्ट किया। मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पार्टी की तरफ से इस तरह का कोई पत्र नहीं लिखा गया। सिंघवी ने कहा, “इस तरह का कोई पत्र नहीं लिखा गया और न ही इस बारे में कोई शिकायत की गई है। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि चुनाव के दौरान सुरक्षा का दायित्व एसपीजी, सुरक्षा बलों एवं कुछ हद तक गृह मंत्रालय का होता है। हमें पता है कि ये सुरक्षा एजेंसियां अपनी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक हैं और वे उसी तरह की सुरक्षा देंगी जैसा कि वे एसपीजी सुरक्षा प्राप्त प्रत्येक व्यक्ति को देती हैं।”



 
 

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