कांग्रेस: राफेल वार्ता का हिस्सा रहे राजीव महर्षि द्वारा CAG रिपोर्ट अनुचित होगी  

Team Suno Neta Monday 11th of February 2019 12:33 PM
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राजीव महर्षि

नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) राजीव महर्षि की भूमिका पर सवाल उठाया। कांग्रेस ने तर्क दिया कि महर्षि 2014-15 के समय वित्त सचिव थे और राफेल वार्ता का एक हिस्सा भी, इसलिए उनके द्वारा राफेल सौदे का परिक्षण करना अनुचित होगा। कांग्रेस पार्टी ने महर्षि से अनुरोध किया है कि वह इस सौदे पर रिपोर्ट देने से खुद को दूर कर ले, क्योंकि विवादास्पद सौदे पर CAG की रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश किए जाने की संभावना है।

एक न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने 36 विमानों की खरीद में “राष्ट्रीय हित” और “राष्ट्रीय सुरक्षा” से समझौता किया। कांग्रेस ने आगे कहा कि CAG का सभी संवैधानिक अनुबंधों की फोरेंसिक परीक्षण करने का संवैधानिक और वैधानिक कर्तव्य है। इस अनुबंध में राफेल सौदा भी शामिल हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि महर्षि द्वारा सोमवार को संसद में राफेल सौदे पर रिपोर्ट पेश करने की संभावना है। सिब्बल ने कहा कि महर्षि 24 अक्टूबर, 2014 से 30 अगस्त, 2015 तक वित्त सचिव थे और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस जाकर राफेल सौदे पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की थी।

सिब्बल ने कहा, “वित्त मंत्रालय इन वार्ताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अब यह स्पष्ट है कि राफेल सौदा राजीव महर्षि के तहत हुआ था। अब वह CAG हैं। हम 19 सितंबर और 4 अक्टूबर, 2018 को उनसे दो बार मिले। हमने उन्हें घोटाले के बारे में बताया। हमने उनसे कहा कि इस सौदे की जांच होनी चाहिए क्योंकि यह भ्रष्ट है। लेकिन वह खुद के खिलाफ जांच कैसे शुरू कर सकते है।”


 
 

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