CJI गोगोई ने अंतरिम CBI प्रमुख राव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को किया अलग  

Team Suno Neta Monday 21st of January 2019 11:59 AM
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रंजन गोगोई

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सोमवार को एम नागेश्वर राव की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अंतरिम प्रमुख के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। CJI ने कहा है कि वह 24 जनवरी को नए CBI प्रमुख की नियुक्ति करने वाली उच्च स्तरीय समिति की बैठक का हिस्सा है। 24 जनवरी को ही राव की याचिका की सुनवाई होनी है।

राव की नियुक्ति को गैर सरकारी संगठन “कॉमन कॉज” ने चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि नागेश्वर राव की नियुक्ति “उच्चस्तरीय चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर नहीं की गई थी”। याचिका में पूर्णकालिक CBI निदेशक की नियुक्ति की मांग की गयी है। इसके अतिरिक्त माँग यह है कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 द्वारा संशोधित दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 की धारा 4 ए में निर्धारित प्रक्रिया के तहत CBI निदेशक की नियुक्ति के लिए किया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सरकार ने CBI के निदेशक की स्वतंत्र और अवैध तरीके से नियुक्ति करके CBI की संस्था की स्वायत्ता को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता की की कमी है। सरकार ने विशेष रूप से उम्मीदवारों की एक सूची के चरण में इस प्रक्रिया में अनुचित प्रभाव का उपयोग किया है, जिससे CBI की संस्था को कमजोर किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा CBI के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद नागेश्वर राव को दूसरी बार एजेंसी के अंतरिम प्रमुख के रूप में नामित किया गया था। वर्मा को अग्नि सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड के महानिदेशक के रूप में स्थानांतरित किया गया था, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया और इसके बाद  भारतीय पुलिस सेवाओं (IPS) से इस्तीफा दे दिया।

24 जनवरी को समिति की बैठक बुलाने का निर्णय कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री के पत्र में जल्द से जल्द बैठक बुलाने का आग्रह के बाद किया गया है। वर्मा को 2-1 के निर्णय में हटाने वाली समिति केवल खड़गे ने असंतोष व्यक्त किया था। खड़गे ने CBI के अंतरिम निदेशक पद पर राव की नियुक्ति को “अवैध” कहा है। 

इस महीने की शुरुआत में न्यायधीश गोगोई ने तत्कालीन CBI प्रमुख आलोक वर्मा वाले चयन पैनल से खुद को हटा लिया था। जस्टिस गोगोई ने जस्टिस ए के सीकरी को फिर पैनल में नामित किया जिन्होंने मोदी के साथ वर्मा को स्थानांतरित करने के लिए मतदान किया।


 
 

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