CII सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले 4 वर्षों में 3.32 लाख MSME नौकरियों का सृजन हुआ है
नई दिल्ली: भारतीय उद्योग सर्वेक्षण के एक संघ के अनुसार, एक लाख से अधिक कंपनियों द्वारा पिछले चार वर्षों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में नई नौकरियों की संख्या सिर्फ 332,394 है, जो कि पिछले चार सालों के आधार पर केवल 13.9 प्रतिशत अधिक है।
सर्वेक्षण से पता चलता है कि महाराष्ट्र, गुजरात, और तेलंगाना ने 2015-16 से 2018-19 की अवधि में सृजित की गयी नौकरियों में 50 प्रतिशत से अधिक के लिए जिम्मेदार है। चार साल की अवधि के निष्कर्षों को पहले की अवधि की तुलना में कम माना जा रहा है, जो दर्शाता है कि 2014-15 में समाप्त तीन वर्षों में 1,154,293 MSME नौकरियां सृजित की गई थीं।
सर्वेक्षण के अनुसार, माइक्रो एंटरप्राइज सबसे बड़ा जॉब जेनरेटर था, जो कुल नौकरियों का 73 प्रतिशत हिस्सा सृजित किया। लघु उद्यमों का सृजन किए गए शुद्ध नौकरियों में 23 प्रतिशत था, जबकि मध्यम उद्यमों का सिर्फ 4 प्रतिशत था।
सेक्टोरियल बीक-अप शो: हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म सेक्टर में 12 प्रतिशत नौकरियों के लिए जिम्मेदार है, जबकि टेक्सटाइल्स एंड अप्पेरल्स और मेटल प्रोडक्ट सेक्टर में से प्रत्येक ने जॉब निर्माण में लगभग 8 प्रतिशत का योगदान दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है: “पिछले चार वर्षों में बनाई गई नौकरियां तीन राज्यों महाराष्ट्र (29 प्रतिशत), गुजरात (14 प्रतिशत) और तेलंगाना (10 प्रतिशत) - 54 प्रतिशत नौकरियां पैदा की।”
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