गोवा मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर का निधन
नई दिल्ली: पूर्व रक्षामंत्री और वर्तमान गोवा मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर का रविवार शाम निधन हो गया। वह 63 साल के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पार्रिकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
Extremely sorry to hear of the passing of Shri Manohar Parrikar, Chief Minister of Goa, after an illness borne with fortitude and dignity. An epitome of integrity and dedication in public life, his service to the people of Goa and of India will not be forgotten #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) 17 March 2019
Shri Manohar Parrikar was an unparalleled leader.
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) 17 March 2019
A true patriot and exceptional administrator, he was admired by all. His impeccable service to the nation will be remembered by generations.
Deeply saddened by his demise. Condolences to his family and supporters.
Om Shanti. pic.twitter.com/uahXme3ifp
पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम उनके आवास पर निधन हुआ। इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि पर्रिकर की हालत बेहद नाजुक है और वह डॉक्टरों की देखरेख में हैं। 63 साल के पर्रिकर अग्नाशय की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे और यहां पास में डोना पौला में स्थित अपने निजी आवास में रह रहे थे। गोवा मुख्यमंत्री कार्यालय ने उनके निधन की जानकारी ट्वीट करके दी।
We inform with deep grief that our beloved Chief Minister of Goa Shri. Manohar Parrikar passed away today evening, after a spirited battle against cancer.
— CMO Goa (@goacm) March 17, 2019
इसके अलावा भारत के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, विपक्ष के नेता राहुल गाँधी और ममता बनर्जी ने मनोहर पार्रिकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
In his passing, the nation in general and Goa in particular lost its proud son.
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) 17 March 2019
My heartfelt condolences to the members of his bereaved family. May his soul rest in peace.#Parrikar
I am deeply saddened by the news of the passing of Goa CM, Shri Manohar Parrikar Ji, who bravely battled a debilitating illness for over a year.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) 17 March 2019
Respected and admired across party lines, he was one of Goa’s favourite sons.
My condolences to his family in this time of grief.
Saddened at the passing away of Goa Chief Minister Manohar Parrikar ji. He patiently endured his illness. Condolences to his family and his admirers
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) 17 March 2019
इसके अलावा देशभर के तमाम नेता, अभिनेता और खेल समुदाय से सम्बंधित लोगों ने उनकी इस मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। मनोहर पर्रिकर अग्नाशय कैंसर से पीड़ित थे। इस गंभीर बीमारी से लड़ने के बावजूद भी वो लगातार अपने काम को लेकर सक्रिय रहे। उन्होंने अपने काम से कभी छुट्टी नहीं ली और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ और नाक में लगाकर भी उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह किया। मनोहर पार्रिकर की छवि एक बेदाग, बेबाक और सौम्य नेता की रही। राजनीति में जहां ज्यादातर नेता अपने तीखे तेवर के साथ पेश आते हैं तो वहीं मनोहर पर्रिकर एक ऐसा नेता है जो बेहद सौम्य और शालीन तरीके से व्यवहार करने के लिए जाने जाते हैं।
गोवा राज्य के चार बार के मुख्यमंत्री पार्रिकर ने जनवरी में कहा था कि वह अंतिम सांस तक गोवा की सेवा करेंगे। उन्होंने ख़राब स्वास्थ्य के बावजूद मुख्यमंत्री के रूप में अपने राज्य की सेवा जारी रखी।
मनोहर पार्रिकर: एक परिचय:
मनोहर पर्रिकर का जन्म गोवा के मापुसा में 13 दिसंबर, 1955 को हुआ था। उन्होंने मराठी माध्यम में मार्गो से स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने 1978 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), बॉम्बे से धातुकर्म इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वह एक भारतीय राज्य के विधायक के रूप में सेवा करने वाले पहले पूर्व IIT छात्र थे।
पर्रिकर छोटी उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए थे और अपनी स्कूली शिक्षा के अंतिम वर्षों में मुख्य प्रशिक्षक भी बन गए। IIT से स्नातक करने के बाद उन्होंने एक निजी व्यवसाय को बनाए रखते हुए RSS के काम को फिर से शुरू किया और 26 साल की उम्र में संघचालक (स्थानीय RSS नेता) बन गए। बाद में वे गोवा में राम जन्मभूमि आंदोलन के एक प्रमुख आयोजक बन गए। गोवा में प्रमुख क्षेत्रीय राजनीतिक दल - महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी - से लड़ने के उद्देश्य से उन्हें RSS द्वारा भारतीय जनता पार्टी में भेजा गया था।
पर्रिकर को 1994 में गोवा विधानसभा के लिए चुना गया था। वह जून से नवंबर 1999 तक विपक्ष के नेता थे। उन्होंने अक्टूबर 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री बनने के लिए सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा, लेकिन उनका कार्यकाल फरवरी 2002 तक ही रहा। जून 2002, उन्हें फिर से चुना गया और मुख्यमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल मिला।
2014 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा ने गोवा में दोनों लोकसभा सीटें जीतीं। नवंबर 2014 में, अरुण जेटली की जगह रक्षा मंत्री के रूप में पर्रिकर को चुना गया। बाद में गोवा में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने पार्रिकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया। फिर उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य बनाया गया।
उन्होंने मार्च 2017 में गोवा फॉरवर्ड पार्टी के बाद चौथी बार गोवा का मुख्यमंत्री बनने के लिए रक्षा मंत्री के रूप में पद छोड़ दिया, उन्होंने कहा कि वह भाजपा का समर्थन करेंगे।
पार्रिकर को उनकी सादगी और विनम्रता के लिए याद किया जाएगा। उन्हें एक दुर्लभ राजनेता के रूप में माना जाता है, जिन्होंने उच्च राजनीतिक कार्यालयों के बावजूद देश के एक आम नागरिक के रूप में जीवन का नेतृत्व किया।
पर्रिकर की पत्नी मेधा का निधन 2001 में ही हो गया था। दम्पति के दो बेटे हैं।
अपना कमेंट यहाँ डाले