CBI निदेशक आलोक वर्मा मामले की कमेटी से मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने खुद को किया अलग, मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांगा समय  

Team Suno Neta Wednesday 9th of January 2019 01:40 PM
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रंजन गोगोई

नई दिल्ली: CBI प्रमुख आलोक वर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब एक समिति फैसला करेगी कि उन्हें पद से हटाया जाए या नहीं। समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं। लेकिन कमेटी की इस बैठक से मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने खुद को अलग कर लिया है। हालांकि CJI गोगोई ने न्यायमूर्ति ए के सीकरी को अपने स्थान पर नामित किया। इस समिति को एक सप्ताह के भीतर तय करना होगा कि आलोक वर्मा CBI प्रमुख के पद पर रहेंगे या नहीं।

मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने ही आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई कर फैसला दिया है इसलिए उन्होने समिति की बैठक से खुद को अलग कर लिया है। इसीलिए उन्होंने न्यायमूर्ति ए के सीकरी को इस बैठक के लिए चुना है।

वही दूसरी तरफ समिति के प्रभारी ने मंगलवार को कांग्रेस नेता खड़गे से संपर्क किया तो उन्होने आदेश का अध्ययन करने के लिए समय मांगा। खड़गे ने कहा कि उन्हें निर्णय और इसके निहितार्थ को पढ़ने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी ताकि वह अपनी बात आगे रख सकें। बैठक 11 जनवरी को आयोजित की जा सकती है।

मंगलवार को सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने CVC के 23 अक्टूबर के आदेश को रद्द कर दिया और वर्मा को फिर से पद पर बहाल कर दिया। अदालत ने कहा कि CVC और सरकार दोनों ने अपने अधिकार से बाहर जाकर अंतरिम CBI निदेशक नागेश्वर राव को नियुक्त किया। जो 23 अक्टूबर की मध्यरात्रि के बाद सरकार द्वारा लिया गया एक अहम निर्णय था।

आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्मा को अभी कोई भी बड़ा नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।


 

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