JNU देशद्रोह मामला: तीन साल बाद कन्हैया कुमार, उमर खालिद के ख़िलाफ चार्जशीट दाखिल
नई दिल्ली: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में 9 फ़रवरी 2016 को कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने 1,200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट लगभग तीन साल बाद पटियाला हाइकोर्ट में दाखिल हुई है। मंगलवार को इसकी सुनवाई होगी। दिल्ली पुलिस ने JNU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 7 कश्मीरी छात्रों को आरोपी बनाया। चार्जशीट में CPI नेता डी राजा की बेटी अपराजिता राजा, पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष शेहला रशीद समेत 36 अन्य नाम हैं। इनका नाम चार्जशीट के कॉलम 12 में है, हालांकि इनके खिलाफ़ कोई सबूत नही है फिर भी इन्हे पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
चार्जशीट दाखिल होने के बाद कथित आरोपी कन्हैया कुमार ने कहा, “मैं मोदीजी और पुलिस को धन्यवाद कहना चाहता हूं। 3 साल बाद चुनाव से ठीक पहले चार्जशीट फाइल किया जाना साफतौर पर दिखाता है कि यह राजनीति से प्रेरित है। मुझे अपने देश की न्यायपालिका पर पूरा यकीन है।”
JNU में 9 फरवरी 2016 में वामपंथी (लेफ्ट विंग) स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने कथित तौर पर संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के सहसंस्थापक मकबूल भट की याद में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसे कल्चरल इवेंट का नाम दिया गया था। शाम 5 बजे उसी कार्यक्रम में कुछ लोगों ने कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी की थी। 10 फरवरी को नारेबाजी का वीडियो सामने आया। दिल्ली पुलिस ने 12 फरवरी को नारेबाजी के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में कन्हैया, खालिद और भट्टाचार्य को गिरफ्तार भी किया गया था। बाद में इन्हें जमानत मिल गई थी।
JNU परिसर में ABVP के सदस्यों ने बताया था कि भारत विरोधी नारे लगाए गए, और उन्होंने इस मामले को साबित करने के लिए कुछ मोबाइल-शॉट वीडियो भी बनाए। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने देश के टुकड़े करने के नारे लगाए - जिनमें "भारत, तेरे टुकड़े होंगे" जैसे नारे शामिल थे। इन नारों की आलोचना कई लोगों ने की थी।
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