केंद्र सरकार ने सामान्य वर्गों को भी 10% आरक्षण देने की दी मंजूरी 

Team Suno Neta Monday 7th of January 2019 04:44 PM
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मोदी मंत्रिमंडल 

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले आरक्षण का कार्ड खेला है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी नौकरियों में सवर्णों को 10 प्रतिशत छूट देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सोमवार को तथाकथित “सवर्ण’’ जातियों के अभ्‍यर्थियों को नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया।

SC/ST एक्ट पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सवर्ण जातियों में रोष था। राजनीतिक पंडितों के अनुसार यह रोष हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में दिखायी दिया जहाँ भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। इसीलिए भाजपा चाहती है कि “सवर्णों’’ को अब अपने पाले में किया जाए। मंगलवार को शीतकानीन सत्र के अंतिम दिन केंद्र सरकार इसके लिए संसद में संविधान संशोधन बिल पेश कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो आरक्षण की सीमा वर्तमान 49 फीसद से बढ़कर 59 फीसद हो जाएगी।

इस फैसले में कुछ शर्तें भी जोड़ी गयी हैं। जैसे किसी व्यक्ति के पास अगर निर्धारित मापदंडो से अधिक संपत्ति होती है तो उसे इस संशोधन का लाभ नहीं मिलेगा। कैबिनेट के अनुसार ये आरक्षण 8 लाख सालाना आमदनी और 5 एकड़ से कम जमीन वाले “सवर्णों’’ को ही मिल पाएगा। इसके अलावा जिनके पास सरकारी जमीन (DDA, निगम की जमीन) पर अपना मकान होगा, उन्हें भी इसका लाभ नहीं मिल पाएगा।

कहा जा रहा है मोदी सरकार ये आरक्षण आर्थिक स्थिति के आधार पर ला रही है, जिसका अभी संविधान में कोई व्याख्या नहीं है। संविधान में जाति के आधार पर आरक्षण की बात कही गई है, ऐसे में सरकार को इसको लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा। सरकार के इस कदम को लोकसभा चुनाव से जोड़ते हुए देखा जा रहा है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया कि सरकार ने आदर्श आचार संहिता से तीन महीने पहले ही इस फैसले की घोषणा की और इसे आम चुनाव से पहले उन्होंने इसे “नौटंकी” कहा। सिंघवी के अलावा यशवंत सिन्हा और अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट करके इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।


 

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