कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में अमित शाह की रथ यात्रा रोक लगायी
नई दिल्ली: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल में अमित शाह की रथ यात्रा निकालने के लिए भाजपा को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष शाह की यात्रा 7 दिसंबर से कूच बिहार से शुरू होने वाली थी। यह बंगाल के 24 जिलों से गुजरने वाली थी। हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 9 जनवरी तय की है। तब तक भाजपा को किसी भी तरह की रथ यात्रा निकालने से रोक दिया है। यह रथ यात्रा कूच बिहार से शुरू होने वाली थी।
न्यायमूर्ति तापब्राता चक्रवर्ती की पीठ ने कहा कि कानून और व्यवस्था पर रिपोर्ट राज्य भर के सभी पुलिस अधीक्षकों से पहले की जानी चाहिए क्योंकि प्रस्तावित यात्रा पूरी पश्चिम बंगाल को कवर करेगी। अपने आदेश में न्यायमूर्ति चक्रवर्ती ने पूछा: “यदि प्रस्तावित रैली के कारण मौत की घटनाएं होती हैं तो कौन जिम्मेदारी लेगा?”
अदालत ने कहा कि भाजपा ने 3 दिसंबर को अदालत को अवगत कराया और इतने काम समय में राज्य सरकार के लिए पर्याप्त कानून और व्यवस्था के उपाय करना मुश्किल होगा। यह एक बड़ी रैली है जो पूरे राज्य में आयोजित की जाएगी। इसलिए, उसने सभी जिला भाजपा अध्यक्षों को विस्तृत योजनाओं को तैयार करने के लिए संबंधित जिलों के SP के साथ बैठने की सलाह दी है।
पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता अर्का कुमार नाग ने कहा कि भाजपा ने 3 दिसंबर को यात्रा के लिए अनुमति मांगने के लिए याचिका दायर की है और अदालत के लिए ऐसी काम समय में निर्णय लेना मुश्किल है।
उन्होंने कहा, “अदालत ने महसूस किया कि भाजपा ने 3 दिसंबर को अदालत को बहुत देर से सूचना दी और इतने काम समय में राज्य सरकार के लिए पर्याप्त व्यवस्था करना मुश्किल होगा। यह एक बड़ी रैली है जो पूरे राज्य में आयोजित की जाएगी। इसलिए उसने सभी जिला भाजपा अध्यक्षों को विस्तृत योजनाओं को तैयार करने के लिए संबंधित SP के साथ बैठने की सलाह दी है। अदालत ने आदेश पारित होने से पहले पुलिस और IB के जमा रिपोर्टों पर भी ध्यान दिया।”
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से कहा कि भाजपा की प्रस्तावित रथ यात्रा से बंगाल के जिलों में साम्प्रदायिक तनाव फैल सकता है। वहीं, भाजपा ने जस्टिस तपव्रत चक्रवर्ती की बेंच से कहा कि हम शांतिपूर्ण यात्राएं निकालेंगे। सुनवाई से पहले पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर दल को अपने कार्यक्रम करने की आजादी है। उन्होंने कहा, “इन कार्यक्रमों को रोकना राज्य सरकार का काम नहीं है। अगर प्रशासन हमें रोकता है, तब भी हम अपना कार्यक्रम जारी रखेंगे। यात्रा निकलेगी और अपने गंतव्य तक जाएगी।”
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