भीमा-कोरेगांव हिंसा: पुणे पुलिस ने गोवा दलित प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े को एल्गार परिषद्-माओवादी ‘सम्बन्ध’ केस में किया गिरफ़्तार 

Team Suno Neta Saturday 2nd of February 2019 01:46 PM
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आनंद तेलतुंबड़े

नई दिल्ली: पुणे पुलिस ने प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (माओवादी) के साथ कथित संबंधों के लिए एल्गार परिषद मामले में गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के दलित प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े को गिरफ्तार किया है। पुणे की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को तेलतुम्बडे की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। पुणे पुलिस की एक टीम ने शनिवार तड़के लगभग 4 बजे मुंबई के हवाई अड्डे से आनंद तेलतुंबड़े को गिरफ्तार किया।

सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार ने तेलतुंबड़े की गिरफ्तारी की पुष्टि की और कहा कि उसे आज पुणे में विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। पुणे पुलिस मामले में आगे की जांच के लिए तेलतुम्बडे की हिरासत की मांग कर रही है।

शुक्रवार को तेलतुम्बडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए विशेष न्यायाधीश के डी वडाने ने एक आदेश पारित किया था जिसमें कहा गया था कि जाँच अधिकारी द्वारा पर्याप्त सबूत इकठ्ठे किए थे जिसमे आनंद की कथित अपराध में भागीदारी दिखाई सुनिश्चित हो सके। आदेश में यह भी कहा गया कि जांच बहुत ही महत्वपूर्ण चरण में है। ऐसा प्रतीत होता है कि अभियुक्त (आनंद) की हिरासत में पूछताछ आवश्यक है इसलिए अभियुक्त अग्रिम जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है। इसलिए अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने लायक है।

तेलतुम्बडे उन सात प्रमुख कार्यकर्ताओं में से एक था जिनके घरों पर पिछले साल 28 अगस्त को पुणे पुलिस द्वारा किए गए एक मल्टी-सिटी सर्च ऑपरेशन में छापा मारा गया था। उनमें से चार - सुधा भारद्वाज, पी वरवारा राव, वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा पहले से ही पुलिस हिरासत में हैं। इन्हें पिछले साल पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुणे पुलिस ने रांची के सातवें व्यक्ति स्टेन स्वामी को गिरफ्तार करने का कोई प्रयास नहीं किया है।

पुणे पुलिस भीमा कोरेगांव की लड़ाई की 200 वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित कार्यक्रम में एल्गार परिषद में नक्सली भागीदारी के आरोपों की जांच कर रही है। इस कार्यक्रम के अगले दिन पुणे के आसपास हिंसक झड़पें हुई थी। पुलिस का दावा है कि कार्यक्रम के अगले दिन हिंसा को भड़काने के लिए एलगार परिषद के दिए गए भाषण जिम्मेदार थे। एलगर परिषद के आयोजन में कथित नक्सली संलिप्तता की जांच करते हुए पुणे पुलिस ने दावा किया है कि सबूतों में प्रतिबंधित समूह CPI (Maoist) समूह की बड़ी साजिशों और गतिविधियों को उजागर किया गया है। पुलिस का दावा है कि एक्टिविस्ट और उनकी गिरफ्तारी ऐसे सबूतों पर आधारित थी जिनमे कथित तौर पर CPI (Maoist) की गतिविधियों में इन कार्यकर्ताओं की भागीदारी को दिखाया था।


 
 

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