भीमा-कोरेगांव हिंसा: पुणे कोर्ट ने पुलिस द्वारा दलित प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े की गिरफ़्तारी को बताया अवैध 

Team Suno Neta Saturday 2nd of February 2019 07:22 PM
(22) (14)

आनंद तेलतुम्बडे

नई दिल्ली: पुणे की अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया कि पुणे पुलिस द्वारा गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े की गिरफ्तारी अवैध थी। अदालत ने बचाव पक्ष की दलील को बरकरार रखा कि मुंबई हवाई अड्डे से तेलतुंबड़े की गिरफ्तारी 14 जनवरी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है जिसमे उसे चार हफ्ते के लिए उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगायी थी। प्रोफेसर को अब छोड़ दिया गया है।

तेलतुंबड़े ने रिहा होने के बाद कहा, “पुणे पुलिस ने मुझे गिरफ्तार किया है। मेरे जैसे अंतरराष्ट्रीय कद के व्यक्ति के लिए यह बेहद शर्मनाक है। मैं दावा करता हूँ कि मेरे जैसे प्रोफाइल वाले बहुत कम लोग हैं।”

बचाव पक्ष के वकील रोहन नाहर ने अदालत के सामने तर्क दिया कि पुणे पुलिस की कार्रवाई सुप्रीम कोर् के आदेश की अवमानना थी। पुणे पुलिस द्वारा की गई पूरी कार्रवाई अवैध और अवमानना है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का आदेश यह दर्शाता है कि उक्त आरोपी (तेलतुंबड़े) को दी गई सुरक्षा 11 फरवरी तक लागू है।

अभियोजन पक्ष के वकील उज्जवला पवार ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई गिरफ्तारी से चार सप्ताह की सुरक्षा तेलतुंबड़े को स्थानीय अदालत से सुधार करने में सक्षम बनाने के लिए थी। जिस दिन तेलतुम्बडे ने पुणे की अदालत में अग्रिम जमानत की मांग की थी, उस दिन उसे “समाप्त” कर दिया गया था। अदालत ने पवार की इस तर्क को खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि पुणे की इसी अदालत ने तेलतुंबड़े की अग्रिम जमानत के लिए उसकी अर्जी खारिज कर दी थी। तेलतुंबड़े पुणे पुलिस द्वारा एल्गार परिषद द्वारा दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के सिलसिले की वजह से हिरासत में हैं। तेलतुंबड़े को पुणे लाया गया और लगभग 3 बजे UAPA के विशेष न्यायाधीश किशोर डी वडाने की अदालत में पेश किया गया। उसकी रिहाई का अदालती आदेश शाम करीब 4.30 बजे आया।


 
 

रिलेटेड

 
 

अपना कमेंट यहाँ डाले