लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए खतरे की घंटी, NDA से अलग हुए कई सहयोगी दल
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा को विधानसभा चुनावों मे तीन राज्यों में हार का सामना करना पड़ा जिसके चलते NDA में शामिल कई सहयोगी दल अब भाजपा के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं। इस वजह से पार्टी की मुसीबतें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। बिहार में उपेद्र कुशवाहा के अलग होने के बाद RLSP के तीखे तेवर को देखते हुए भाजपा ने उन्हें राज्यसभा की एक सीट पर उम्मीदवारी देने का वादा कर शांत कराया। भाजपा सहयोगियों के NDA से अलग होने के बाद होने वाले नुकसान की भरपाई करने की कोशिश में जुटी है। यूपी में भी भाजपा की परेशानी बढ़ती दिखाई दे रही है।
बढ़ती परेशानियों के बीच भाजपा के महासचिव राम माधव ने प्लान बी के संकेत दिए हैं। राम माधव के बयान से संकेत मिलते दिखाई दे रहे हैं कि हम नए सहयोगियों को अपने साथ लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। साउथ और पूर्वी भारत में हम इस पर काम कर रहे हैं। राम माधव ने कहा, "ये सच है कि उपेंद्र कुशवाहा और कुछ अन्य छोटे दल हमसे अलग हो गए हैं।"
लोकसभा चुनावों से पहले तीन दल भाजपा का साथ छोड़ चुके है। चंद्रबाबू नायडू की TDP, महबूबा मुफ्ती की PDP और कुछ दिनों पहले ही उपेंद्र कुशवाहा ने भी NDA से अलग होने का फैसला किया। रामविलास पासवान के साथ विवाद को भी पार्टी ने अधिक सीटें देकर सुलझाया तो UP में भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल ने भी उचित सम्मान ना मिलने पर सभी सरकारी कार्यक्रमों से खुद को अलग रखने का फैसला किया है।
राम माधव ने भाजपा के नए सहयोगियों का नाम तो नहीं लिया लेकिन तमिलनाडु में सत्ताधारी AIADMK के साथ गठबंधन की संभावना जताई जा रही है। चेन्नई दौरे पर PM मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किए जाने के बाद ये अटकलें लगाई जा रही हैं।
भाजपा-कांग्रेस से दूरी बना कर रखने वाले नवीन पटनायक ने हाल ही में भाजपा समर्थन दिया था। राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए वोटिंग के दौरान PM मोदी ने नवीन पटनायक को कॉल किया था। उस वक्त BJD के 8 वोटों ने सरकार की काफी मदद की थी।
अपना कमेंट यहाँ डाले