केंद्र ने आचार सहिंता लागू होने से पहले किसान सम्मान निधि योजना को अमल में लाने के लिए राज्यों से लाभार्थियों की मांगी सूची
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को अमल में लाने के लिए लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लागू होने से पहले केंद्र ने राज्य सरकारों को किसानों की सूची को तेजी से तैयार करने के लिए निर्देश दिया है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार विशेष रूप से भाजपा शासित राज्यों में योजना के कार्यान्वयन के नेतृत्व उत्सुक थी।
केंद्र ने इस योजना की घोषणा 1 फरवरी को 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए छोटे और सीमांत किसानों को ₹6,000 की वार्षिक प्रत्यक्ष मौद्रिक सहायता देने के वादे के रूप में की थी।
इसके बाद केंद्रीय कृषिमंत्री राधा मोहन सिंह ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को योजना के त्वरित कार्यान्वयन में सहायता करने के लिए लिखा। कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने इस संबंध में राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ विचार-विमर्श किया।
योजना के तहत दो हेक्टेयर के अंतर्गत कुल खेती योग्य भूमि वाले छोटे और सीमांत किसानों को तीन किस्तों में लाभ प्राप्त होगा। लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिनके पास आय के अन्य स्रोत हैं या जो सरकारी पद पर हैं, या आयकर का भुगतान करने के योग्य हैं, वे इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
भाजपा शासित महाराष्ट्र में इस साल राज्य विधानसभा चुनाव होने है। सरकार का अनुमान है कि केंद्र प्रायोजित योजना से कुल 1.52 करोड़ किसानों में से लगभग 1.2 करोड़, लगभग 80%, को 7,200 करोड़ रुपये का लाभ होगा। गुरुवार को राज्य के कृषि मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने महाराष्ट्र में इस योजना को लागू करने के तौर-तरीकों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने जिला-स्तरीय अधिकारियों को पात्र किसानों की सूची जारी करने और अगले 10 दिनों के भीतर सभी प्रासंगिक विवरण एकत्र करने के निर्देश जारी किए।
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