2018 विधानसभा चुनाव: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ दर्ज की जीत, TRS का वर्चस्व तेलंगाना में बरक़रार जबकि MNF को मिज़ोरम में बहुमत 

Team Suno Neta Wednesday 12th of December 2018 11:10 AM
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राहुल गांधी

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के कुछ ही महीने पहले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने तीन प्रमुख हिंदीभाषी राज्यों – छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान – में से भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया है। इसने आम चुनाव से पहले विपक्ष के लिए नए चुनावी समीकरणों को जन्म दे दिया है। इन नतीजों ने आम चुनाव से पहले विपक्ष के लिए चुनावी मैदान को खोल दिया है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा ने पिछले पांच साल से इन तीन राज्यों में भारी जीत के साथ कब्ज़ा कर रखा था।

तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (TRS) ने बड़ी संख्या से जीत हासिल की। जबकि मिज़ोरम में ज़ोरमथंगा के नेतृत्व वाले मिजो नेशनलफ्रंट (MNF) ने कांग्रेस को बड़े अंतर से पराजित किया।

छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में जीत कांग्रेस के लिए इससे बेहतर नहीं हो सकती थी क्योंकि महज़ एक साल पहले ही राहुल गांधी अपनी माँ सोनिया गांधी के उपरान्त ठीक आज के दिन कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के चुने गए थे।

छत्तीसगढ़ चुनाव नतीजे चुनावी पंडितों के लिए एक बड़ा आश्चर्य रहा जहाँ कांग्रेस और मौजूदा रमन सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के बीच टक्कर की लड़ाई की भविष्यवाणी की गयी थी। राज्य में मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) गठबंधन से कांग्रेस और भाजपा के वोट शेयरों के बँटने की उम्मीद थी। हालांकि नहीं हुआ है। 90 सीटों की विधानसभा वाले राज्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत का परचम लहराया जबकि भाजपा को सिर्फ 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। वहीं मायावती और जोगी के गठबंधन को सिर्फ 7 सीटें ही मिलीं।

मध्यप्रदेश के परिणामों ने सबको आश्चर्यचकित किया क्योंकि चुनावी राणिनीतिकारों ने मौजूदा शिवराज सिंह चौहान की भाजपा सरकार पर कांग्रेस की एकतरफा जीत की भविष्यवाणी की थी। लेकिन भाजपा ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी। वोट बुधवार सुबह तक गिना गया। अंत में लगभग सुबह 8.45 पर चुनाव आयोग ने अंतिम परिणाम घोषित किए। जिसमे कांग्रेस ने 114 सीटें जीतीं और भाजपा सिर्फ 109 सीटों पर ही सिमट कर रह गयी। BSP ने दो सीटें जीती तो निर्दलीय दलों ने पांच सीटों पर जीत का स्वाद चखा। BSP की दो सीटों के साथ मायावती ने कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दिया, जिससे कांग्रेस के लिए बहुमत का आकड़ा 116 सीटों तक पहुंच गया।

यह अनुमान लगाया गया था कि कांग्रेस राजस्थान में आसानी जीत जाएगी। लेकिन वसुंधरा राजे की अगुआई वाली भाजपा ने कड़ी टक्कर दी। कांग्रेस ने 99 सीटों परजीत दर्ज़ की जबकि भाजपा को 73 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। BSP को छह सीटें मिलीं जबकि अन्य को 21 सीटें मिलीं। अपने सहयोगियों के साथ कांग्रेस बहुमत से कमहोने के बावजूद राज्य में सरकार बना सकती है।

तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव की पार्टी TRS ने न केवल नवगठित राज्य में सत्ता बरकरार रखी बल्कि इसे भारी बहुमत के साथ भी जीता। 119 सीटों पर हुए चुनाव में जहाँ TRS को 88 सीटें मिली तो वहीं कांग्रेस को 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। भाजपा राज्य में सिर्फ एक ही सीट ही जीत पायी जबकि अन्य ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की। चुनावी परिणाम तेलंगाना के लोगों का केसीआर के शासन में विश्वास को दर्शाता है इसका कारण पिछले पांच सालों में लोगों के लिए शुरू की गयी कई नवीन योजनाएं भी हो सकतीहैं ।

पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेसशाषित एकमात्र राज्य मिज़ोरम भी पार्टी के हाथों से निकल गया। जोरामथंगा की पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) ने राज्य में बहुमत के साथ जीत दर्ज़ की। 40 सीटों की विधानसभा में MNF ने 26 सीटें जीती जबकि लाल थान्हावला की अगुआई वाली कांग्रेस ने पांच सीटें जीतीं। भाजपा सिर्फ एक ही सीट जीतपायी जबकि अन्य दलों ने आठ सीटों पर कब्ज़ा किया।

पांचो राज्यों के चुनावी नतीजे इस प्रकार हैं:

छत्तीसगढ़ | सीट 90 | बहुमत 46

कांग्रेस

भाजपा

BSP

अन्य

68

15

7

0

मध्य प्रदेश | सीट 230 | बहुमत 116

कांग्रेस

भाजपा

BSP

अन्य

114

109

2

5

राजस्थान | सीट199 | बहुमत 100

कांग्रेस

भाजपा

BSP

अन्य

99

73

6

21

तेलंगाना | सीट 119 | बहुमत 60

कांग्रेस

भाजपा

TRS

अन्य

19

1

88

11

मिज़ोरम | सीट 40 | बहुमत 21

कांग्रेस

भाजपा

MNF

अन्य

5

1

26

8

पांच विधानसभा चुनावों में विशेषकर हिंदीभाषी राज्यों में हार के बावजूद भाजपा अभी भी एक मजबूत राजनीतिक पार्टी है जिसके नेता प्रधानमंत्री मोदी देश भर में एक लोकप्रिय नेता हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव के करीब होने से तीन प्रमुख राज्यों में हार पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा सकता है। 2014 के आम चुनाव में तीन राज्यों से मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 65 लोकसभा सीटों में से 62 पर जीत का परचम लहराया था।

यह जीत राहुल गाँधी के नेतृव में कांग्रेस के लिए पुनरुत्थान की तरह है। कांग्रेस ने इस साल मई में कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के जनता दल (सेक्युलर) को मुख्यमंत्री पद को बलिदान करके राजनीतिक गठबंधन किया था। मोदी की भाजपा को अगले साल के लोकसभा चुनाव में जीत करना आसान नहीं होगा।


 
 

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