काशी की जंग: कौन हैं अजय राय, जिन्हें कांग्रेस ने मोदी के खिलाफ उतारा है मैदान में?
नई दिल्ली वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने की अटकलों पर बृहस्पतिवार को उस वक्त विराम लग गया जब पार्टी ने अजय राय को इस सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया। पार्टी की ओर से जारी उम्मीदवारों की सूची के मुताबिक, वाराणसी से अजय राय और गोरखपुर से मधुसूदन तिवारी को उम्मीदवार बनाया गया है। पिछले कई हफ्ते से यह अटकलें चल रही थीं कि प्रियंका वाराणसी से मोदी को चुनौती दे सकती हैं। पार्टी और खुद प्रियंका की तरफ से ऐसे संकेत मिले थे जिनसे इस अटकल को और बल मिला था।
अजय राय ने 2014 में भी मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ा था लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे थे। पहले से ऐसी उम्मीद थी कि पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस प्रियंका गांधी को मैदान में उतारेगी लेकिन बता दें कि अजय राय 2014 लोकसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उम्मीदवार थे। अजय राय 2014 के चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे. उन्हें 75,614 वोट मिले थे। वहीं, दूसरे स्थान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल थे, जिन्हें 2,09,238 मत मिले थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 5,81,022 वोट मिले थे।
वाराणसी लोकसभा सीट का इतिहास दिलचस्प है। 1952 से 1962 तक तीन लोकसभा चुनावों में यहां सेकांग्रेस प्रत्याशी ने जीत हासिल की, जबकि 1967 के चुनाव में भाकपा ने पहली और आखरी बार अपना नाम यहां से दर्ज कराया। 1971 में एक बार फिर कांग्रेस को यहां से विजय हासिल हुई, लेकिन 1977 में जनता लहर के दौरान कांग्रेस हारी और चंद्रशेखर ने परचम लहराया।1980 में एक बार फिर कांग्रेस लौटी और 1984 में भी जीती। 1989 में जनता दल से अनिल कुमार शास्त्री जीते। इसके बाद चार चुनावों में भाजपा ने परचम लहराया। एक बार शिरीष चंद्र दीक्षित, तीन बार शंकर प्रसाद जायसवाल को जीत मिली। 2004 में कांग्रेस ने वापसी की अौर राजेश मिश्रा सांसद बने। 2009 में बीजेपी ने फिर सीट अपने कब्जे में की और डॉ. मुरली मनोहर जोशी सांसद बने।
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