लोकसभा में पास हुआ सामान्य वर्गो को 10% आरक्षण देने वाला विधेयक, राज्यसभा पेश किया जाएगा आज  

Team Suno Neta Wednesday 9th of January 2019 10:19 AM
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नई दिल्ली: सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को 323 मतों से लोकसभा की मंजूरी मिल गयी। अब बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जायेगा। लोकसभा में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने 124वां संविधान संशोधन  विधेयक, 2019  का समर्थन किया।

इसके साथ ही सरकार ने दावा किया कि कानून बनने के बाद यह न्यायिक समीक्षा की अग्निपरीक्षा में भी खरा उतरेगा, क्योंकि इसे संविधान संशोधन के जरिये लाया गया है।  इस विधेयक के तहत सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण सुनिश्चित करने का प्रावधान है। केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को ही इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी। विधेयक पर हुई चर्चा में कांग्रेस, सपा सहित विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा इस विधेयक का समर्थन करने के बावजूद विपक्ष ने इसे जल्दबाजी में किया गया फैसला बताया। कहा जा रहा है कि सरकार इस विधेयक को लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर लायी है।  

लोकसभा में केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने विधेयक पर सदन में पांच घंटे तक हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह फैसला ‘सबका साथ, सबका विकास' की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। यह विधेयक अमीरी व गरीबी की खाई को पाटेगा। इससे लाखों परिवारों को लाभ मिलेगा। इससे सामान्य वर्ग सभी कमजोर लोगों को लाभ होगा, चाहे वह किसी वर्ग या धर्म के हों। इस विधेयक पर लोकसभा में शाम पांच बजे से रात दस बजे तक लगातार चर्चा हुई।

इस विधेयक में एक विशेष प्रावधान उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश से जुड़ा है। इसके मुताबिक सामान्य वर्ग के लिए लाया गया 10 प्रतिशत आरक्षण का कानून निजी शिक्षण संस्थानों में भी लागू होगा। विधेयक में उल्लेख है कि 10% आरक्षण निजी क्षेत्र के सरकारी सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में भी मिलेगा। अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इससे पहले 2009 में पारित शिक्षा के अधिकार कानून में 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर व उपेक्षित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान था।

राजसभा में विधेयक को कर पड़ता है विरोध का सामना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार को विधेयक पारित करने के लिए राज्यसभा में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि यहाँ वह अल्पमत में है। 245 सदस्यीय सदन में भाजपा के 89 सदस्य हैं। हालांकि कई विपक्षी दलों ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया है, लेकिन राज्य सभा में इसके विरोध किए जाने की संभावना है। आम चुनाव नज़दीक है कुछ दल भाजपा को समर्थन देने के लिए तैयार होंगे।

संसद का शीतकालीन सत्र को एक दिन बढ़ा दिया गया था जो अब बुधवार को समाप्त हो रहा है।


 

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