भाजपा ने 2019 आम चुनाव के लिए त्यार किया अभियान विषय, ‘न्यू इंडिया’ और ‘मोदी रोको अभियान’ के बीच होगा चुनाव 

Team Suno Neta Sunday 9th of September 2018 08:01 PM
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भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारणी के बैठक के दौरान (बाएं से) अमित शाह, नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण अडवाणी

नई दिल्ली: 2019 के आम चुनाव के लिए अभियान विषय तय करते हुए भाजपा की दो दिनों की राष्ट्रीय बैठक रविवार को समाप्त हुई। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा “न्यू इंडिया” प्रस्ताव के साथ उतरेगी, जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा की गयी उपलब्धियों को सराहा जायेगा और विपक्ष को उसके “नेतृत्व, नीति और रणनीति” में अभाव के कारण आलोचना की जाएगी।

1971 में, जब इंदिरा गांधी ने “इंदिरा हटाओ” विपक्ष के नारे का सामना “गरीबी हटाओ” नारे से किया था, वैसे ही भाजपा, विपक्ष के "मोदी रोको अभियान" का सामना “न्यू इंडिया” के रणनीति से करेगा। इस रणनीति में 2022 तक गरीबी, भ्रष्टाचार, जातिवाद, आतंकवाद और सांप्रदायिकता से मुक्त भारत बनाने का वायदा होगा।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को पत्रकारों के सामने विस्तार रूप से बताते हुए कहा की "विपक्ष के पास ना नेता है, ना नीती है, और ना ही रणनीति है; इसलिये विपक्ष हताश है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष सिर्फ "दिन में स्वप्न" देखने और विकल्पों की तलाश में है।

विपक्ष में केवल "मोदी रोको अभियान" है और ऐसे नकारात्मक मानसिकता के साथ जनता कभी खड़ी नहीं होगी। जावेड़कर ने आगे कहा कि उनकी पार्टी को पिछले चुनावों की तुलना में 2019 में अधिक वोट और सीटें मिलेंगी। विपक्षी दल सत्ता के चाह में विभिन्न रणनीतियों का सहारा ले रही हैं। उनके पास एक भी नेता ऐसा नहीं है जो प्रधानमंत्री को कड़ा टक्कर दे सके। उनका एकमात्र उद्देश्य “मोदी रोको” है और वो किसी भी तरीके से “न्यू इंडिया” के भाजपा की रणनीति को विफल करने में लगे हैं।

पार्टी के अनुसार, “मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अगुवाई में कई पहलों की शुरुआत की है। उनके पास अब 19 राज्यों में भाजपा सरकार है और 1,500 से अधिक विधायक हैं। प्रधानमंत्री की लोकप्रियता रेटिंग रिकॉर्ड 70% से अधिक पहुँच गयी है और कोई भी दूसरा नेता इसके करीब भी नहीं आता है। केंद्र में सरकार के साथ साथ 60% भारत राज्यों में भाजपा की सरकार है।”

जावड़ेकर के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर विस्तार से बात की है। 

उन्होंने कहा कि यूपीए के 10 साल के शासन की तुलना में पिछले चार वर्षों में आंतरिक सुरक्षा में काफी सुधार हुआ है।नक्सलवाद प्रभावित जिलों की संख्या में कमी हुई है और नक्सलवाद अपने अंत पर है। वो आगे कहते हैं कि UPA के शासन में लगभग हर महीने और देश के लगभग सभी शहरों में आतंकवादी विस्फोट हुए थे, अब कोई विस्फोट नहीं होता है। अब कोई बड़ी आतंकवादी गति विधि नहीं है। 

वो आगे कहते हैं कि भाजपा के चार साल के कार्यकाल में दंगा मुक्त भारत का रिकॉर्ड है। देश में पहले 160 जिलों में माओवाद थे और अब सिर्फ 20 जिलों में इनके चिन्ह हैं, हम जल्द ही माओवादी विद्रोह मुक्त भारत बनाएँगे। वो आगे कहते हैं की शहरी माओवाद को भी मजबूत हांथो के द्वारा दबाया जा रहा है। उत्तर पूर्व की राज्यों में काफी हद तक शांति है, उत्तर पूर्व के आठ में से छह राज्यों में बीजेपी / एनईडीए की सरकारें हैं। भूमिगत नागा समूहों के साथ भी सरकार ने समझौता कर स्थायी शांति के लिए मार्ग प्रशस्त कर लिया है।

राज-कर सम्बन्धी प्रस्ताव पर जावेड़कर ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और वित्तीय अनुशासन बना हुआ है। ये सकारात्मक परिवर्तन प्रधान मंत्री की सरकारी नीतियों, दूरदर्शिता और निष्पादन के कारण बना है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को एक प्रमुख कर सुधार और सहकारी संघवाद का एक अदभुत उदाहरण बताया। GST के अधिनियम और नियम गठन के दौरान सभी राज्यों के बीच आम सहमति के साथ फैसला किया गया था।

जावेड़कर ने आगे कहा कि चार साल पहले हमे एक कमजोर, भ्रष्ट और घनिष्ठ पूंजीवादी अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी और हमारी चुनौती इसे बदलने की थी। प्रधानमंत्री ने इसके मूल/नींव को सही करने का कार्य किया। इसके अंतर्गत कुछ कठिन कार्रवाई की जरूरत थी ठीक वैसे ही जैसे ऑस्ट्रियाई-अमेरिकी अर्थ-शास्त्री जोसेफ शंपेटर ने “रचनात्मक विनाश” (creative destruction) कहा है। शम्पेटर ने इसे “औद्योगिक उत्परिवर्तन की प्रक्रिया” के रूप में वर्णित किया है जो लगातार चली आ रही आर्थिक संरचना को क्रांतिकारी रूप से नष्ट कर देता है और नए औद्योगिक उत्परिवर्तन को देश में बनता है।

कीमतों में बढ़ोतरी के एक सवाल पर जावड़ेकर ने कहा कि पिछले चार वर्षों में मुद्रास्फ़ीति दर पांच प्रतिशत कम रही है, जबकि यूपीए शासन के तहत यह 10 % से ऊपर थी। विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगौड़े व्यवसायियों पर सरकार ने जिक्र करते हुए कहा: “भ्रष्ट कुछ समय के लिए भाग्यशाली रह सकते हैं, परन्तु वह हांगकांग से लंदन कब तक भागते रहेंगे, वह जल्दी ही अपने साथियों के साथ राँची के जेल में पाए जायेंगे।”


 

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