दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 सिख विरोधी दंगो में शामिल कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सुनाई उम्रकैद की सजा  

Team Suno Neta Monday 17th of December 2018 02:34 PM
(28) (0)

सज्जन कुमार

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय  ने 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार पर निचली अदालत का फैसला पलट दिया है। सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उसे 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा। उम्रकैद के अलावा सज्जन कुमार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा बाकी दोषियों को जुर्माने के तौर पर एक-एक लाख रुपये देने होंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल के बेटे, अमित सिब्बल, सज्जन कुमार का केस लड़ रहे थे। ताजा जानकारी के मुताबिक, सज्जन कुमार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकता हैं।

1984 दंगा मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता को दोषी माना है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता राजस्थान में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में व्यस्त थे जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया। उच्च न्यायालय  ने सज्जन के अलावा बलवान खोखर, कैप्टन भागमल और गिरधारी लाल की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी है। जबकि पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर की सजा बढ़ाते हुए 10-10 साल कर दी। इससे पहले निचली अदालत ने महेंद्र और किशन को तीन-तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी।

यह मामला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक नवंबर 1984 का है जब दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। मामले में बाकी लोगों को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। जस्टिस एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने 29 अक्टूबर को CBI, दंगा पीड़ितों और दोषियों की ओर से दायर अपीलों पर दलीलें सुनने का काम पूरा करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। दोषियेां ने मई 2013 में आए निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी CBI  ने भी अपील दायर करते हुए आरोप लगाया था कि वे “सुनियोजित सांप्रदायिक दंगे” और “धार्मिक रूप से सफाया” करने में शामिल थे।

ज्ञात हो कि 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगा भड़क गया था क्योकि इंदिरा गाँधी की हत्या करने वाले उनके बॉडीगॉर्ड सिख समुदाय के थे।आरोप लगता रहा है कि हत्या में कांग्रेस के कुछ कार्यकर्त्ता भी शामिल थे। भारत सरकार की आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे भारत में इन दंगों में कुल 2,800 लोगों की मौत हुई थी।जिनमें से 2,100 मौतें केवल दिल्ली में हुई थीं। CBI जांच के दौरान सरकार के कुछ कर्मचारियों का हाथ भी 1984 में भड़के इन दंगों में सामने आया था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे।


 

रिलेटेड

 
 

अपना कमेंट यहाँ डाले