उपेंद्र कुशवाहा ने कहा ‘भारत में विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय नहीं, इस बात का है अफसोस’
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने झारखण्ड के पोखारी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में एक भी विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय नहीं है और उन्हें इस बात का अफसोस है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र पुरातन और प्रसिद्ध नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय भारत में फिर से बनाने की कोशिश में लगी है और सरकार ने दस निजी और सरकारी विश्वविद्यालय का चयन भी कर लिया है। इन विश्वविद्यालयों को आवश्यक राशि एवं संसाधन मुहैया करा कर इन्हें विश्वस्तरीय बनाने में सरकार पूरी प्रयास कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि संवेदनशीलता व सामाजिक सरोकार सीखे बिना शिक्षा बेकार है इसलिए शिक्षा से सामाजिक सरोकार होना जरूरी है। कुशवाहा ने रिसर्च बेस्ड शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय शोध आधारित शिक्षा प्रदान करे तभी शिक्षा के सही मायने निकलेंगे।
उन्होंने शिक्षक संस्थान की स्थापना को पुण्य का काम बताते हुए कहा कि शिक्षक संस्थानों के द्वारा नई पीढ़ी तैयार की जाती है जिसकी देश के बेहतर निर्माण में अहम भूमिका होती है।उन्होंने पूर्वी सिंहभूम के पोटका एवं पटमदा प्रखंड में केन्द्रीय स्कूल के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव निर्देश दिया ताकि केंद्र इस दिशा में कदम उठा सके।
कुशवाहा ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को भंग किए जाने की बात को गलत बताते हुए कहा कि इसका स्वरूप बदला जा रहा है जो समय की मांग से बेहद जरूरी है।
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