सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण ने माना CBI मामलें में केंद्र के खिलाफ उनका ट्वीट ‘वास्तविक गलती’ थी
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने स्वीकार किया कि उन्होंने ट्वीट करके "वास्तविक गलती" की है कि सरकार ने एक अंतरिम CBI निदेशक के रूप में एम नागेश्वर राव की नियुक्ति पर उच्चस्तरीय चयन समिति की बैठक में मनगढंत रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रशांत भूषण ने इससे पहले फरवरी में भी इसके बारे में ट्वीट किया था।
I have just confirmed personally from the Leader of Opposition Mr Kharge that no discussion or decision in HPC meet was taken re appt of Nageswara Rao as interim Director CBI.The govt appears to have misled the court and perhaps submitted fabricated minutes of the HPC meeting! https://t.co/MbEC5YLjkD
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) 1 February 2019
भूषण के बयान के बाद अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ को बताया कि वह प्रशांत भूषण के खिलाफ दायर अपनी अवमानना याचिका वापस लेना चाहते हैं। वह अपने पहले के बयान के साथ भी खड़ा था कि वह भूषण को मामले में कोई सजा नहीं देना चाहता था।
हालांकि भूषण ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा को वेणुगोपाल द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई से रोकने के लिए कोर्ट में एक आवेदन दायर किया, जबकि उसी के लिए पीठ के समक्ष माफीनामा प्रस्तुत करने से इनकार कर दिया।
पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 3 अप्रैल तारीख दी है।
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