तिब्बती आध्यात्मिक नेता करमापा ओग्येन ने कहा ‘अक्टूबर में वीजा आवेदन करने के बाद भी भारत की तरफ से कोई सुनवाई नहीं’
तिब्बती आध्यात्मिक नेता करमापा ओग्येन ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि उन्होंने अक्टूबर में वीजा के लिए आवेदन किया गया था लेकिन भारत ने अभी तक नहीं सुना है जबकि भारत का कहना है कि 17 वें तिब्बती आध्यात्मिक नेता करमापा ओग्येन त्रिनले दोरजे को मार्च में डोमेनिका राष्ट्रमंडल का पासपोर्ट मिला था अब उन्हें डोमिनिका के अपने नए अधिग्रहीत पासपोर्ट पर वीजा के लिए आवेदन करना बाकी है। करमापा ने पहली बार बोलते हुए कहा कि उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में वीजा के लिए आवेदन किया था।
करमापा ने वेबकास्ट के माध्यम से 36 वें काग्यू मोनालाम को संबोधित करते हुए कहा, “जैसा कि आप सभी जानते हैं मेरे पास एक नया पासपोर्ट है। एक बार जब मुझे नया मिल गया तो मेरा पुराना दस्तावेज़ पहचान प्रमाणपत्र (IC) अमान्य हो गया था। मैं न्यूयॉर्क में भारतीय दूतावास में गया और उन्हें बताया कि मुझे अपने पुराने यात्रा दस्तावेज (IC) को चालू करने की आवश्यकता है और आगे उन्हें नए पासपोर्ट पर मुझे वीजा देने का अनुरोध किया।’’
अपने 35 मिनट के भाषण में करमापा ने कहा कि वह भारत से वीजा प्राप्त करने में असमर्थ थे लेकिन भारतीय दूतावास के लोगों ने मुझे बताया कि वे ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मैं जल्दी ही भारत लौट आउंगा। मैं भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहा हूं। करमापा ने YouTube चैनल पर 16 घंटे पहले अपने एक संबोधन में कहा कि वह दो बार काग्यू मोनलम के लिए नहीं आ पाए हैं।
काग्यू मोनलम हर साल दिसंबर या जनवरी में आयोजित होने वाला वार्षिक कार्यक्रम है जहां तिब्बती बौद्ध धर्म के चार स्कूलों के सैकड़ों शिष्य पूरे भारत में पवित्र स्थानों में आकांक्षा प्रार्थनाओं को साझा करने के लिए आते हैं। यह बोधगया में आयोजित किया जाता है और इसे बौद्ध कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
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