न्यायाधीश मदन बी लोकुर ने कहा ‘न्यायाधीशों को राजनीतिक मामलों से दूरी बना कर रहना चाहिए’ 

Team Suno Neta Thursday 24th of January 2019 03:47 PM
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मदन भीमराव लोकुर

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन भीमराव लोकुर ने सुझाव दिया कि न्यायाधीशों को “राजनीतिक मामलों” से दूरी बनाए रखनी चाहिए। लोकुर न्यायमूर्ति ए के सीकरी द्वारा लंदन में सरकार का एक अंशकालिक असाइनमेंट ठुकराए जाने के बारे में बोल रहा थे।  

रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट के जज ने यह बात एक NGO और वकीलों के कलेक्टिव द्वारा आयोजित इंटरएक्टिव सेशन के दौरान कही।

न्यायमूर्ति सीकरी जिन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा तीन सदस्यीय पैनल में नामित किया गया था जिन्होंने विवादास्पद रूप से केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक वर्मा को एजेंसी से बाहर करने का फैसला किया था। सीकरी ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था जिसमें उन्हें लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचाट ट्रिब्यूनल का सदस्य बनाने का फैसला लिया गया था।

न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि वह निराश थे कि सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम के 12 दिसंबर के फैसले को न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ने सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह मेरा व्यवसाय नहीं है। एक निर्णय लिया गया जिसे सामान्य पाठ्यक्रम में रखा जाना चाहिए था। इसे लगाया नहीं गया था। मैं निराश हूँ। इसे क्यों नहीं लगाया गया।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम जिसमें तब जस्टिस लोकुर भी शामिल थे ने इन दो हाईकोर्ट जजों के नामों पर विचार किया था। इस साल 10 जनवरी को न्यायमूर्ति लोकुर की सेवानिवृत्ति के बाद एक कॉलेजियम की बैठक ने न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को पदोन्नत करने का फैसला किया जिन्हें बाद में शपथ दिलाई गई थी।


 
 

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