न्यायमूर्ति ए के सीकरी ने कहा ‘डिजिटल युग में न्याय कर पाना तनावपूर्ण’  

Team Suno Neta Monday 11th of February 2019 01:21 PM
(12) (2)

अर्जन कुमार सीकरी

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सीकरी ने रविवार को कहा कि डिजिटल युग में न्यायाधीश तनावपूर्ण हो गए हैं क्योंकि लोग सोशल मीडिया पर चर्चा करना शुरू कर देते हैं कि परिणाम क्या होना चाहिए जो न्यायाधीशों के दिमाग पर हावी हो जाता है।

एशिया के पहले लॉ एसोसिएशन और नई दिल्ली में प्रशांत सम्मेलन में “डिजिटल युग में प्रेस की स्वतंत्रता” विषय पर बोलते हुए सीकरी ने कहा, “मीडिया परीक्षण पहले भी थे लेकिन आज जो हो रहा है वह यह है कि जब कोई मुद्दा उठाया जाता है तो एक याचिका दायर की जाती है और अदालत द्वारा कदम उठाए जाने से पहले ही लोग इस पर चर्चा करने लगते हैं कि परिणाम क्या होना चाहिए। मैं यहां अपने अनुभव से आपको बता दूं कि एक न्यायाधीश किस तरह से एक केस का फैसला करता है।”

उन्होंने फिर कहा कि यह उच्चतम न्यायालय में इतना नहीं है क्योंकि जब तक न्यायाधीश शीर्ष अदालत में नहीं आते हैं तब तक वह काफी परिपक्व होते हैं और वह जानते हैं कि कानून के आधार पर मामला कैसे तय किया जाना है? आज जजमेंट तनाव में है।

न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि कुछ साल पहले यह राय रही थी कि एक बार अदालत द्वारा  निर्णय दिया गया हो। चाहे वह सर्वोच्च न्यायालय हो, उच्च न्यायालय हो या किसी भी ट्रायल कोर्ट आपको फैसले की आलोचना करने का पूरा अधिकार है। अब उन निर्णायकों के खिलाफ भी बदनामी या मानहानि के भाषण दिए जा रहे हैं जिन्होंने यह फैसला दिया और अभी भी इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा गया है।  

पेड और फर्जी खबरों के खतरों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत ही चिंताजनक है लेकिन हम डिजिटल युग के कारण पेड और फर्जी खबरों के दौर में हैं। कहानियां बनाई जाती हैं और कोई इसे किसी भी डिजिटल प्लेफार्म पर डाल देता है और यह कुछ घंटों में वायरल हो जाता है।


 
 

रिलेटेड

 
 

अपना कमेंट यहाँ डाले