CJI यौन-उत्पीड़न मामला: जस्टिस एपी शाह ने कहा, ‘यह आने वाले वर्षों में सुप्रीम कोर्ट को परेशान करने वाला है’
दिल्ली के पूर्व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एपी शाह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ कथित यौन-उत्पीड़न के मामले और जिस तरीके से इसका निपटारा किया गया था उस पर टिप्पणी की, उन्होंने कहा, “यह प्रकरण आने वाले वर्षों के लिए उच्चतम न्यायालय को परेशान करने वाला है।”
भारत की मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में “कोई तत्व नहीं” पाए जाने पर शाह ने की टिप्पणी और उन्हें क्लीन चिट दे दी।
इंडियन एक्सप्रेस के एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, “मैंने सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व कर्मचारी के यौन उत्पीड़न और शोषण पर 29-पृष्ठ का हलफनामा पूरी तरह से पढ़ा है। एक न्यायाधीश के रूप में, मैं अंकित मूल्य पर कुछ भी स्वीकार नहीं करता हूं। लेकिन मुझे लगा कि हलफनामा काफी विस्तृत था, और शायद इसकी जांच की जानी चाहिए।”
CJI रंजन गोगोई को क्लीनचिट देने पर उन्होंने कहा, “यह जांच जिस तरीके से हुई मैं इस बात से बेहद परेशान हूं क्योकि शुरू में ऐसा लग रहा था कि सुप्रीम कोर्ट असाधारण सुनवाई के जरिए लाई गई स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहा है। अब, मुझे विश्वास है कि इंदिरा जयसिंह के मामले में निर्धारित कानून के अनुसार जांच की गयी है, इस जांच की रिपोर्ट जनता के लिए उपलब्ध नहीं होगी, और न ही कोई भी व्यक्ति इन-हाउस पूछताछ को चुनौती दे सकता है। इसलिए, यह सब न्याय का मजाक होगया।”
फिर उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट को सालों तक परेशान करेगा।
उन्होंने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय बहुत महत्वपूर्ण है कि वह इस तरह की चीजों को ऐसे ही जाने न दे। क्योंकि किसी अन्य संस्था पर लोगों का इतना भरोसा नहीं है जितना इस पर है। यह एकमात्र संस्था है जिसने लोकतंत्र को बचाया है और संविधान को जीवन दिया है। मेरा मानना है कि एडीएम जबलपुर की तरह, यह प्रकरण आने वाले वर्षों में सुप्रीम कोर्ट को परेशान करने वाला है।”
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