असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर कहा ‘भारतीय मुस्लिम के पास अब क्या बचा है?’ 

Team Suno Neta Friday 28th of September 2018 11:06 AM
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असदुद्दीन ओवैसी

सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार को यह फैसला किया कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग हैं की नहीं उसका फैसला करने के लिए पांच जजों के खंडपीठ को नहीं भेजा जाएगा और 1994 का उस फैसला जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था की मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं हैं। कोर्ट ने कहा वह फैसला अयोध्या विवाद से कोई तालुक नहीं रखता क्यों की अयोध्या विवाद एक ज़मीन को लेकर दीवानी मामला हैं। 

इस फैसले को हैदराबाद के लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा यह उन सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की लंबी लाइन में से एक है जो भारतीय मुस्लिमों को उनकी पहचान से वंचित करने की कोशिश कर रहा है।

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य और अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता ओवैसी ने आगे कहा की इस मामले को बड़ी खंडपीठ में भेजने के लिए सभी चीजों का योग्य होना अनिवार्य है। उन्होंने आगे कहा कि अदालत ने सबसे पहले कहा कि इस्लाम में दाढ़ी अभिन्न अंग नहीं है, फिर उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है, अब वे कहते हैं कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है। तो अब भारतीय मुस्लिम के पास क्या बचा है?

ओवैसी ने पूछा कि “जब मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं तो क्या और धर्मों के धार्मिक स्थान उनके धर्म के अभिन्न अंग हैं?”

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हालिया टिप्पणियों का जिक्र करते हुए जिसमे उन्होंने कहा था की मुस्लिमों को नमाज़ केवल मस्जिदों में ही अदा करना चाहिए, ओवैसी ने पूछा, “मनोहर लाल खट्टर अब कहां है?”


 

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