कपिल मिश्रा ने ‘बांग्लादेशी ड्रग माफिया द्वारा दिल्ली निवासी की हत्या’ का किया झूठा दावा
विद्रोही आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक कपिल मिश्रा ने 4 अक्टूबर को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि दिल्ली में "बांग्लादेशी ड्रग माफिया" ने दिल्ली निवासी रुपेश बैसोया नामक एक व्यक्ति की हत्या कर दी।
कुछ घंटों बाद उन्होंने एक वीडियो को ट्वीट किया जिसमें उन्होंने बोला कि बैसोया की इसलिए हत्या कर दी गई थी क्योंकि उन्होंने तमिलूर नगर में अवैध बांग्लादेशी झोपड़ियों से कथित तौर पर काम करवाने वाले ड्रग पेडलरों का विरोध किया था। मिश्रा ने ड्रग माफिया को लेकर दिल्ली पुलिस से मांग की थी कि झोपड़ियां वहां से जल्द से जल्द खत्म हो जाएं । उन्होंने यह वीडियो ट्विटर और फेसबुक दोनों पर पोस्ट किया है।
दिल्ली में बांग्लादेशियों ने दिन दहाड़े रूपेश बैसोया की हत्या कर दी
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) October 4, 2018
रूपेश ने बांग्लादेशी ड्रग माफिया के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी
हरियाणा और यूपी में हर अपराध पर तुरंत रिएक्शन करने वाले CM केजरीवाल चार दिन बाद भी चुप क्यों?
मैं अभी रूपेश के परिवार से मिलने जा रहा हूँ
मिश्रा के इस दावे के बाद, एक ट्विटर उपयोगकर्ता मनु गुर्जर ने छाती में गोली मारने वाले रुपेश बैसोया के सीसीटीवी फुटेज को पोस्ट किया और उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली निवासी बैसोया की हत्या "बांग्लादेशी ड्रग माफिया" ने की थी। गुर्जर ने आगे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस पर आरोप भी लगाया कि वह इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और मीडिया ने भी इस घटना का आवरण नहीं किया था।
#Thread
— Manu Gurjar (@LandLord_Gurjar) October 4, 2018
रुपेश बैसोया गुर्जर 34 वर्षीय तैमूर नगर दिल्ली निवासी 4 दिन पहले बांग्लादेशी ड्रग माफियाओं द्वारा मारा गया जब वो अपने 11 साल के बच्चे के साथ घर के बाहर खेल रहा थे.
कसूर सिर्फ यहीं था कि वो और उसका बड़ा भाई ड्रग माफियों के विरुद्ध जंग लड़ रहे थे.#JusticeForRupeshBaisoya pic.twitter.com/RdGzE2FHVA
सच्चाई
यह घटना 30 सितंबर को हुई थी और दिल्ली पुलिस ने कथित अपराधियों को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किय था उनमें से कोई भी "बांग्लादेशी" नहीं था। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अपराधियों को चोरी के एक अलग मामले में पकड़ा गया जो 2 अक्टूबर की रात में बाइक, सोने की चेन और मोबाइल फोन चुरा कर भागे थे।
ऑल्ट न्यूज ने DCP विजय कुमार से बात की तो उन्होंने पुष्टि कि की उपर्युक्त तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था जो की अन्य अपराधों में शामिल थे। उन्होंने आगे यह भी बताया कि तीनों में से कोई भी बांग्लादेशी या नशीली ड्रग माफिया में शामिल नहीं है बल्कि दिल्ली के निवासी भी हैं।
इस घटना के जांच पड़ताल के बाद यह भी पता चला कि वह तीन अपराधियों में से एक अपराधी बाइक चोरी करने के बाद ताइमूर नगर में एक महिला के लिए ड्रग खरीदने गया था जहां उसका विक्रेता के साथ झगड़ा हो गया था और वह उसने वहां से भागने की कोशिश की तो रुपेश ने उसे रोका, तो अपराधी ने गिरफ्तारी से डरते हुए रुपेश को गोली मर दी और वहां से भाग गया।
(सौजन्य ऑल्ट न्यूज़)
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